भागलपुर : 24 अक्तूबर 1989 में अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए ईंट एकत्र करने का जुलूस भागलपुर से होकर गुजर रहा था. इस जुलूस को विभिन्न भागों से होते हुए गौशाला क्षेत्र से अयोध्या जाना था. परबत्ती क्षेत्र से जुलूस के गुजरने के दौरान तत्कालीन नेता महादेव प्रसाद सिंह ने सदस्यों को शांति पूर्वक गुजरने की बात कही थी.
तत्कालीन एसपी केएस द्विवेदी के एस्कॉर्ट में जुलूस गुजर रहा था. इस दौरान कुछ सदस्य आपत्तिजनक नारेबाजी करने लगे तो तत्कालीन डीएम अरुण झा ने शांति बनाने की अपील की. मुसलिम हाई स्कूल के पास बम से हमला कर दिया गया. घटना में 11 पुलिस वाले जख्मी हो गये और इसके बाद दंगा भड़क गया. करीब दो माह तक भागलपुर शहर में कर्फ्यू लगा रहा था.
यह हुआ था मामला दर्ज
परबत्ती मोहल्ला के अजहर अली लेन के सैयद अफसर अली ने कोतवाली थाना में शिकायत दी थी कि ढाई सौ दंगाई आपत्तिजनक नारा लगाते हुए कई घरों में लूट व आगजनी कर दी. इस दौरान 16 व्यक्तियों की हत्या कर उन्हें गायब कर दिया. इसमें अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में पहले कोतवाली थाना के तत्कालीन एसआइ बच्चू लाल ने जांच की, मगर बाद में एसआई बिंदा प्रसाद ने मामले की जांच कर चार्जशीट पेश किया.
इसमें 12 आरोपित के खिलाफ चार्जशीट दायर हुआ. इसमें कामेश्वर यादव, अरुण मंडल, अशोक मंडल, विषणु देव यादव, सुबोध कुमार भगत, केदार मंडल, पद्दू गोस्वामी, सुलचा मंडल, राजेश चौधरी, गणेश मंडल आरोपित बनाये गये. इसके अलावा तीन अन्य आरोपी महेंद्र मंडल, दासो मंडल व राजेश चौधरी को भी आरोपित बनाया गया, लेकिन वह मामले की सुनवाई के दौरान ही मर गये. इस कांड के सूचक मो अफसर अली की भी मौत हो चुकी है.