बेगूसराय जिले में लगातार हो रहे अपहरण और गिरती कानून-व्यवस्था को लेकर विभिन्न संगठनों और जनप्रतिनिधि के द्वारा जिले में वर्ष 2014 में बंद का आह्वान एवं विरोध प्रदर्शन किया गया था. तत्कालीन एसपी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी ने प्रदर्शन को कुचलने के दृष्टिकोण से प्रदर्शनकारियों के साथ तत्कालीन एसपी हरप्रीत कौर समेत अन्य के द्वारा मारपीट गाली-गलौज की गयी एवं जेल भेजा गया था. इसी घटना को लेकर नावकोठी थाने के पहसारा निवासी परिवादी अभिनव कुमार अकेला ने सीजेएम न्यायालय में तत्कालीन एसपी हरप्रीत कौर, तत्कालीन डीएसपी राजकिशोर सिंह, तत्कालीन एसडीओ सत्यप्रकाश मिश्रा, तत्कालीन अंचलाधिकारी निरंजन कुमार, तत्कालीन नगर थाना मुंशी मेघनाथ सिंह के विरुद्ध परिवाद पत्र दाखिल किया था. न्यायिक दंडाधिकारी मयंक कुमार पांडेय ने परिवादी अभिनव कुमार अकेला के परिवाद पत्र पर सुनवाई करते हुए सभी नामित आरोपितों के विरुद्ध संज्ञान लिया और सभी को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है. सभी आरोपितों पर आरोप है कि बेगूसराय जिले में लगातार तीन बच्चे का अपहरण और पीयूष की अपहरण के बाद नृशंस हत्या से आक्रोशित जिलावासी अपराध विरोधी संघर्ष समिति बैैनर के तले वकील एवं बुद्धिजीवी, जनप्रतिनिधि, विभिन्न संगठनों, व्यावसायिक संगठन समेत आम जनता ने 29 मार्च, 2014 को बंद का आह्वान किया था. उस दिन सभी लोग शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. आम जनमानस की आवाज को दबाने के उद्देश्य से तत्कालीन एसपी हरप्रीत कौर के नेतृत्व में सभी आरोपितों ने प्रदर्शनकारियों को पकड़ कर नगर थाने में बंद कर दिया, जहां प्रदर्शनकारियों के साथ गाली-गलौज व मारपीट की गयी. गिरफ्तार सभी प्रदर्शनकारियों को मुकदमा दर्ज करके जेल भेजने के लिए कोर्ट भेज दिया. कोर्ट ले जाते समय धमकी दी गयी कि जज को मारपीट का जख्म दिखाया तो अंजाम बुरा होगा. प्रदर्शनकारियों ने जज को मारपीट के बारे में बताया और जख्म भी दिखाया. कोर्ट के आदेश के बाद प्रदर्शनकारियों का समुचित इलाज जेल में करवाया गया.
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