बेगूसराय/ बीहट : विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार को बरदाश्त नहीं किया जायेगा. योजनाओं में गड़बड़ी करने वाले सरकारी अफसर हों या बिचौलिये किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा. सरकार की चेतावनी के बावजूद संगठित रूप से सरकारी स्तर पर ऐसा खेल शायद ही किसी प्रखंड में खेला गया है. जैसा कि बरौनी प्रखंड स्थित राज्य खाद्य निगम के बरौनी गोदाम के प्रभार में रहे राज्य खाद्य निगम बेगूसराय के सहायक प्रबंधक कृष्णा चौधरी ने खेला है.
राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक अरविंद कुमार मिश्रा ने दिनांक 4 नवंबर को बरौनी थाना कांड संख्या- 394/16 के तहत सहायक प्रबंधक द्वारा बरौनी गोदाम के प्रभार काल में विभिन्न सरकारी योजनाओं के खाद्दान्नों के स्टॉकों में गड़बड़ी कर दो करोड़ पैंसठ लाख अड़तालिस हजार नौ सौ चौरानवे रुपये के गबन एवं सरकारी कागजात गायब करने का मामला दर्ज कराया है.
गोदाम का प्रभार लेने के क्रम में मामले का हुआ भंडाफोड़ : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बरौनी प्रखंड स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम का प्रभार लेने- देने के क्रम में मामले का भंडाफोड़ हुआ.नवनियुक्त सहायक प्रबंधक राजू यादव के अनुसार प्रभार लेने के क्रम में नेशनल फूड सिक्यूरिटी एक्ट योजना में भंडार पंजी के अनुसार गेहूं की मात्रा 3559 क्विंटल 17 किलो की जगह मात्र 2151 क्विंटल 27 किलो का हिसाब दिखा कर 1407 क्विंटल 90 किलो कम यानी लगभग 31 लाख इक्यानवे हजार का गबन किया गया.ठीक उसी तरह नेशनल फूड सिक्यूरिटी एक्ट योजना में भंडार पंजी के अनुसार चावल की मात्रा 2703 क्विंटल 31 किलो की जगह मात्र 1004 क्विंटल 58 किलो का हिसाब देकर 1698 क्विंटल 73 किलो कम यानी लगभग 52 लाख रुपये का गबन किया गया है.
मामले की जानकारी मिलते ही कई के उड़े होश : मामले की जानकारी वरीय अधिकारी को दी गयी. मामले की जानकारी मिलते ही प्रभार प्रतिवेदन एवं नेशनल फूड सिक्यूरिटी एक्ट योजना के अलावा अंत्योदय अन्न योजना, मिड डे मील, डब्ल्यूबीएनपी तथा एफ/आर योजना की भंडार पंजी में अंकित मात्रा की जांच निगम मुख्यालय द्वारा लेखा कार्य हेतु नियुक्त पी पुनित एंड को. के लेखापालों के द्वारा करायी गयी, तो सभी के होश उड़ गये. पूरी योजनाओं के लिए गोदाम में रखे 10089 क्विंटल 44 किलो गेहूं और चावल को गायब कर लगभग दो करोड़ 65 लाख 48 हजार रुपये का गबन कर लिया गया है.
निवर्तमान सहायक प्रबंधक ने नहीं सौंपा है कोई कागजात : सबसे मजेदार बात तो यह है कि निवर्तमान सहायक प्रबंधक कृष्णा चौधरी ने प्रभार में कोई कागजात भी नहीं सौंपा है. इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. अब लोगों की निगाहें मामला दर्ज होने के बाद जांच पर टिकी हुई हैं कि कब तक इसका खुलासा हो पाता है.