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क्या आपके बच्चे नहीं जाते स्कूल

बेगूसराय (नगर) : नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले कई विद्यालय गंदगी व अतिक्रमण का शिकार होकर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. आज की तिथि में स्थिति यह है कि कई विद्यालयों का प्रवेश द्वार मूत्रालय में तब्दील हो गया है. वहीं, कई विद्यालयों के समीप अतिक्रमण खुद बता रहा है कि शहर […]

बेगूसराय (नगर) : नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले कई विद्यालय गंदगी व अतिक्रमण का शिकार होकर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. आज की तिथि में स्थिति यह है कि कई विद्यालयों का प्रवेश द्वार मूत्रालय में तब्दील हो गया है. वहीं, कई विद्यालयों के समीप अतिक्रमण खुद बता रहा है कि शहर से होकर गुजरनेवाले निगम व जिला प्रशासन के आला अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.

विद्यालय हो या महाविद्यालय सभी जगहों पर अतिक्रमणकारियों का हौसला बुलंद देखने को मिलता है. इससे स्कूल-कॉलेजों की सुंदरता पर प्रश्नचिह्न लगने के साथ-साथ विद्यालय आने-जानेवाले छात्र-छात्राओं, अभिभावकों व कर्मियों को भी भारी फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है.

मूत्रालय में तब्दील है मध्य विद्यालय, विष्णुपुर का मुख्य द्वारबेगूसराय नगर निगम क्षेत्र के तहत विष्णुपुर स्थित मध्य विद्यालय की स्थिति यह है कि इस विद्यालय के मुख्य द्वार के समीप ही आसपास के लोगों द्वारा मूत्रालय स्थल बना दिया गया है. बताया जाता है कि विष्णुपुर में चल रहे इस मध्य विद्यालय के मुख्य द्वार पर लोगों ने अधूरे बने समरसेबूल पेय जलमीनार के हॉल को भी मूत्रालय में बदल दिया है. इससे विद्यालय आने-जानेवाले छात्र-छात्राओं को कई तरह की परेशानियां होती हैं.

बताया जाता है कि मुख्य द्वार पर ही नगर निगम प्रशासन के द्वारा जलमीनार का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया था. पेयजल जलापूर्ति केंद्र के चालू नहीं होने से अधूरी जलमीनार के हॉल के अंदर और बाहर लोग मूत्रालय के रूप में उपयोग करना आरंभ कर दिया, जिससे विद्यालय कैंपस में काफी दुर्गंध फैला रहता है.

नतीजा है कि छात्र-छात्राओं समेत शिक्षकों को काफी फजीहतों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा भी नगर निगम क्षेत्र के तहत आनेवाले विभिन्न स्कूलों के सामने इस तरह की समस्या बनी हुई है और निगम प्रशासन पूर्ण रूप से इस समस्या से बेखबर है. विद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जामध्य विद्यालय, विष्णुपुर के बाहर की जमीन को स्थानीय लोगों के द्वारा अतिक्रमित कर उस जगह पर छोटी-छोटी दुकान लगा दी गयी है. इससे बच्चों को बाहर खड़ा होने में भी परेशानी होती है.

विद्यालय का बाहरी आउटलुक नहीं होने के कारण शिक्षण-संस्थानों के प्रति आकर्षण में भी कमी हो गयी है. कई बार शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने भी इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर पदाधिकारियों तक शिकायत की, लेकिन आज तक इस समस्या का निराकरण नहीं हो पाया.

जीडी कॉलेज के पास अतिक्रमण के कारण लगता है जामजीडी कॉलेज के पास प्रतिदिन जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है. इसका प्रमुख कारण भी अतिक्रमण ही है.

बताया जाता है कि कॉलेज के प्रवेश द्वार के आसपास की जमीन को लोगों के द्वारा अतिक्रमित कर उस पर दुकान लगा दी गयी है. नतीजा है कि पूरे दिन इन दुकानों पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है.

कुछ समय पूर्व तत्कालीन कॉलेज के प्राचार्य डॉ तपन कुमार शांडिल्य के प्रयास से इस अतिक्रमण को मुक्त कराया गया था, लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या फिर विकराल रूप धारण करने लगी है. वहीं, दूसरी ओर इस मार्ग में जाम लगने का प्रमुख कारण सड़कों पर ही स्कूली वाहन व रिक्शा को खड़ा करना है. बताया जाता है कि जीडी कॉलेज के समीप एक निजी विद्यालय में काफी संख्या में बच्चे हैं, जिसको लेकर बीच सड़क पर ही वाहनों को खड़ा कर दिया जाता है.

नतीजा है कि प्रतिदिन जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है. क्या कहते हैं महापौरशहर में जाम की समस्या से मुक्ति मिले, इसके लिए निगम प्रशासन के द्वारा लगातार कई बार पहल की गयी. इस अभियान को और तेज किया जायेगा. संजय सिंह, महापौर, बेगूसराय नगर निगम

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