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एड्स रोगियों की संख्या में हो रही लगातार इजाफा

एड्स रोगियों की संख्या में हो रही लगातार इजाफा तसवीर-7-सदर अस्पताल का एड्स विभाग का कार्यालयसदर अस्पताल में कुल 2325 एड्स रोगी इलाजरत, गत 21 माह में 785 नये एड्स मरीज किये गये चिह्नितबेगूसराय (नगर). भले ही सरकार की ओर से एड्स नियंत्रण के लिए जन जागरूकता अभियान में करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे […]

एड्स रोगियों की संख्या में हो रही लगातार इजाफा तसवीर-7-सदर अस्पताल का एड्स विभाग का कार्यालयसदर अस्पताल में कुल 2325 एड्स रोगी इलाजरत, गत 21 माह में 785 नये एड्स मरीज किये गये चिह्नितबेगूसराय (नगर). भले ही सरकार की ओर से एड्स नियंत्रण के लिए जन जागरूकता अभियान में करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं लेकिन सफलता कुछ खास नहीं है. जिले के सदर अस्पताल में संचालित जिला एड्स नियंत्रण इकाई के द्वारा बताये गये रोगियों के आंकड़े आम आदमी के लिए चौंकानेवाला है. जिले में बढ़ती एड्स रोगियों की संख्या 2325 पर पहुंच जाना आनेवाले कल के लिए खतरे की घंटी है. गत 21 माह में ही एआरटी केंद्र पर 785 नये एड्स रोगी चिह्नित किये जा चुके हैं. जो स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सावधान करनेवाला है. स्वास्थ्यकर्मियों को एड्स रोगी की जांच व इलाज के लिए आमलोगों को प्रोत्साहित करने की दिशा में मुश्तैदी से कार्य करना होगा. तभी ज्यादा- से- ज्यादा एड्स रोगियों को चिह्नित कर इसे रोका जा सकता है. स्वास्थ्यकर्मियों के उदासीन रवैये से इस अभियान को गति मिल पायेगी या नहीं यह चिंता का विषय है. क्योंकि जब पूरा विश्व एड्स दिवस मना रहा था, तो सदर अस्पताल में नौ बजे सुबह से ही कई रोगी दूर-दराज से आकर दवा और जांच के लिए घंटों बैठे रहे. एआरटी केंद्र के कई कर्मी काफी विलंब से केंद्र पर पहुंचे. कई रोगियों ने बताया कि उन्हें इस रोग से संबंधित कार्य के लिए अक्सर घंटों इंतजार करना पड़ता है. यदि इस तरह की उदासीनता रही, तो लोग केंद्र पर आने से हतोत्साहित हो जायेंगे. प्रति माह जांच के लिए 867 मरीज पहुंचे केंद्र पर वर्ष 2014-15 में प्रतिमाह जांच के लिए औसत सामान्य मरीज 867 केंद्र पर पहुंचे थे. वहीं 2015 -16 में यह संख्या घट कर औसतन प्रतिमाह 552 पर ही जा टिका है. जिला एड्स नियंत्रण इकाई के काउंसेलर संतोष कुमार संत ने बताया कि कर्मियों की ओर से केंद्र पर रोगियों की बेहतर देखरेख की जाती है. पूरे जिले में 18 प्रखंडों में से 14 प्रखंडों के पीएचसी में एड्स जांच की सुविधा उपलब्ध है. सर्वप्रथम सामान्य रोगियों की सीडी-4 जांच की जाती है. जिस रोगी का टी सेल्स काउंट 350 से नीचे रहता है, वैसे रोगी को एआरटी केंद्र से दवा आरंभ कर दी जाती है. प्रतिदिन एक से दो गोली खानी होती है. 350 ऊपरवाले मरीज को केयर एंड सपोर्ट पर रखा जाता है. ऐसे मरीजों को खान-पान दिनचर्या में सुधार, बुरी लतों को छोड़ देने की सलाह दी जाती है. पुन: ऐसे रोगियों की जांच छह माह बाद की जाती है. यदि इन रोगियों में से टी सेल्स काउंट 350 से नीचे घटा हुआ पाया जाता है, तो फिर उन्हें दवा खानेवाले रोगियों के समूह में शामिल कर लिया जाता है. काउंसेलर ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में कुल 2325 एड्स रोगियों का इलाज चल रहा है. इनमें 1663 को दवा दिया जा रहा है और 662 मरीजों को केयर एंड स्पोर्ट पर रखा जा रहा है. जिले में एड्स मरीज एक नजर मेंवर्ष जांच के लिए पहुंचे लोगों की स्थिति प्रतिमाह औसत संख्या 2014 सामान्य मरीज 8672015 सामान्य मरीज 5522014 गर्भवती महिला 6882015 गर्भवती महिला 5222014 एचआइवी टीबी 6882015 एचआइवी टीबी 522

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