संवाददाता, मटिहानी (बेगूसराय) .आज भारत सर्वाधिक संकट के दौर से गुजर रहा है. इसका मुख्य कारण है राजनीति में गिरावट. पुरानी राजनीति से देश का कल्याण होनेवाला नहीं है. इसके लिए अब नये रास्ते की तलाश जरू री है, तभी गांधी के सपनों को साकार बनाया जा सकता है. ये बातें मटिहानी प्रखंड के गोदरगावां विप्लवी पुस्तकालय के प्रांगण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर वर्तमान भारत और स्वाधीनता संग्राम की विरासत पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य वक्ता दैनिक अखबार जनसत्ता के संपादक ओम थानवी ने कहीं. उन्होंने वर्तमान राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा कि आज स्थिति यह है कि सत्ता का संचालन कोई कर रहा है और सुख कोई और ले रहा है. इसके खिलाफ संगठित होकर आवाज बुलंद करने की जरू रत है. नयी दिल्ली के लेखक व चिंतक प्रो शमसुल इस्लाम ने कहा कि आज चारों तरफ अराजक स्थिति बनी हुई है. महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है. गांधी का सपना तार-तार हो रहा है. समाज को जाति, धर्म, क्षेत्र और भाषा के नाम पर विभक्त किया जा रहा है. इतिहासकार डॉ रामइकबाल सिंह ने कहा कि आज की राजनीति नीचे गिर गयी है. इस विषम परिस्थिति में क्रांतिकारी चेतना जागृत करने की जरू रत है.
प्रो बोढ़न प्रसाद सिंह ने कहा कि भावना विचार से बनती है. गांधी जी अहिंसा के पुजारी थे. हिंदुस्तान की आजादी की विरासत में हिंदुस्तान की जनता का हिस्सा है. संगोष्ठी को प्रो नवल किशोर चौधरी समेत अन्य लोगों ने संबोधित किया.
समारोह की अध्यक्षता बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव राजेंद्र राजन ने किया. धन्यवाद ज्ञापन आनंद प्रसाद सिंह ने किया. मौके पर भाकपा के राज्य सचिव राजेंद्र प्रसाद सिंह, जिला सचिव गणोश प्रसाद सिंह, कामेश्वर शर्मा, समाजसेवी सव्रेश कुमार, इंदूमोहन झा, जगदीश नारायण झा, जदयू के जिलाध्यक्ष प्रो प्रमोद कुमार शर्मा, जिप अध्यक्षा इंदिरा देवी, पुस्तकालय के अध्यक्ष रमेश प्रसाद सिंह, धीरज कुमार समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्य लोग उपस्थित थे.