तेघड़ा. विगत एक माह से कड़ाके की ठंड और बर्फीली हवा ने लोगों पर सितम ढा रखा है. जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों की दिनचर्या में बदलाव आ गया है. लोग देर तक रजाई के अंदर दुबके रहते हैं. वहीं बहुतेरे लोग अलाव ताप कर दिन गुजार रहे हैं. कामकाज ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है. दमा, मधुमेह, डायरिया, सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया, नस रोग का प्रकोप बढ़ रहा है. मवेशी से लेकर पक्षी तक हल्कान है. गेहूं व मक्का की हरियाली तो बढ़ी है लेकिन सरसो, आलू, मसूर, मटर की फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. ट्रेनों व वाहनों के परिचालन पर बुरा असर पड़ा है.
कड़ाके की ठंड व बर्फीली हवा लोगों पर ढा रही है सितम
तेघड़ा. विगत एक माह से कड़ाके की ठंड और बर्फीली हवा ने लोगों पर सितम ढा रखा है. जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों की दिनचर्या में बदलाव आ गया है. लोग देर तक रजाई के अंदर दुबके रहते हैं. वहीं बहुतेरे लोग अलाव ताप कर दिन गुजार रहे हैं. कामकाज ठीक ढंग […]
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