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प्रमंडल बनाने की कवायद तेज

बिहार का औद्यौगिक जिला माना जाता है बेगूसराय बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय जिला को प्रमंडल बनाने के लिए जिले में कवायद तेज हो गयी है. इसके लिए बेगूसराय प्रमंडल बनाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया है. इस समिति के तहत वर्ष 2015 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.बेगूसराय जिला प्रमंडल बनाने […]

बिहार का औद्यौगिक जिला माना जाता है बेगूसराय
बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय जिला को प्रमंडल बनाने के लिए जिले में कवायद तेज हो गयी है. इसके लिए बेगूसराय प्रमंडल बनाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया है. इस समिति के तहत वर्ष 2015 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.बेगूसराय जिला प्रमंडल बनाने की सभी अर्हता को पूरा रखता है. इसके बाद भी राजनीतिक उपेक्षा के चलते अब तक इसे मूर्त रू प नहीं दिया जा सकता है.
32 लाख है बेगूसराय की आबादी
1870 में अनुमंडल तथा 1972 में बेगूसराय जिला स्थापित हुआ. अभी वर्तमान में इसकी 32 लाख आबादी है. बेगूसराय जिस तरह से सूबे में अपना स्थान हर क्षेत्र में रखता है. वैसी स्थिति में इसे आजादी के बाद ही जिले के साथ प्रमंडल का दर्जा मिल जाना चाहिए था. लेकिन राजनीतिक उपेक्षा का शिकार बेगूसराय आज संपूर्ण उपराजधानी बनने लायक है लेकिन अब तक इसे प्रमंडल का भी दर्जा नहीं मिल पाया है.
सर्वाधिक राजस्व देता है बेगूसराय
बिहार के सभी 38 जिले में बेगूसराय जिला सर्वाधिक राजस्व सरकार को देती है. बिहार का एकमात्र औद्योगिक राजधानीवाला जिला बेगूसराय ही है. जहां देश के सभी प्रदेशों से व्यापारियों एवं अधिकारियों का आना-जाना होता है. इतना बड़ा उद्योग आज राजधानी पटना में भी नहीं है. बेगूसराय में स्थापित बरौनी ऑयल रिफाइनरी, बरौनी थर्मल पावर स्टेशन, बरौनी डेयरी, मक्का अनुसंधान केंद्र, सैकड़ों लघु उद्योग, बरौनी डेयरी, गंगा डेयरी व शिक्षा का बढ़ता व्यापार बेगूसराय को गौरवान्वित कर रहा है. इतना ही एक जिले के रूप में देश का सर्वाधिक पेट्रोल पंप का कारोबार बेगूसराय में है. सभी बड़े बैंकोंका रिजनल, जोनल सरकारी, गैर सरकारी संस्था ने व्यापारिक मंडी मान कर यहां कार्यालय खोल कर संचालित कर रहा है.
कई महापुरुषों की धरती है बेगूसराय
बेगूसराय में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि, प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि का गौरव प्राप्त है. इसी धरती के अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार डॉ रामशरण शर्मा, व्याकरणाचार्य डॉ वचनदेव कुमार व एशिया प्रसिद्ध कैंसर चिकित्सक डॉ अतरदेव सिंह ने देश को गौरवान्वित किया है.
मुंगेर सर्वाधिक बड़े प्रमंडलों में एक है
मुंगेर बिहार के सर्वाधिक बड़े प्रमंडलों में एक है. जमुई, लखीसराय नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण आयुक्त, आइजी, डीआइजी अन्य अधिकारी बेगूसराय पर ध्यान नहीं देते हैं. गंगा के उस पार एवं इस पार का भौगोलिक दृष्टिकोण से भी माहौल अलग-अलग है. बेगूसराय जिले के सभी लोग बेगूसराय से मुंगेर की लंबी दूरी के कारण प्रमंडल से होनेवाले लाभ, सरकार की योजनाओं की जानकारी एवं अन्य लाभ से शत-प्रतिशत वंचित ही रह जाते हैं. वर्ष में दो बार या तीन बार आयुक्त, डीआइजी का दौरा मात्र होता है.
प्रमंडल बनते ही चालू हो जायेंगे मृतप्राय: उद्योग
बेगूसराय को अगर प्रमंडल बना दिया जाये, तो बेगूसराय संग्रहालय, अंडी रेशम उद्योग, आयुव्रेद महाविद्यालय, होमियोपैथ महाविद्यालय, पशु अस्पताल, काबर झील, जयमंगला गढ़, हरसाईं स्तूप, हरिगिरिधाम, नमक सत्याग्रह स्थल, मंसूरचक का भारत प्रसिद्ध मूर्तिकला केंद्र, उलाव का हवाई अड्डा, नौलखा मंदिर सहित अन्य उद्योग लहलहा उठेंगे.
प्रमंडल बनाओ संघर्ष समिति ने की पहल
बेगूसराय को प्रमंडल बनाने के लिए प्रमंडल बनाओ अभियान समिति के द्वारा पहल शुरू कर दी गयी है. प्रथम चरण में 16 जनवरी को जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर प्रमंडल बनाओ संघर्ष समिति के द्वारा जोरदार धरना दिया जायेगा. सोमवार को शहर के तिलकनगर में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष दिलीप कुमार सिन्हा ने कहा कि बेगूसराय को प्रमंडल बनाने की मांग जिले की 32 लाख आबादी का मौलिक अधिकार है. श्री सिन्हा ने कहा कि बेगूसराय बिहार का एक मात्र औद्योगिक राजधानी कहा जानेवाला जिला उपराजधानी की हैसियत रखता है. इसके बाद भी अब तक प्रमंडल नहीं बन पाया है.
श्री सिन्हा ने आमलोगों से अपील की है कि बेगूसराय को प्रमंडल बनाने के लिए संघर्ष समिति के कार्यक्रम में आगे आकर अपना समर्थन दें, ताकि बेगूसराय में बंद पड़े विकास का मार्ग प्रशस्त हो सके. इस मौके पर सचिव रवींद्र मनोहर, संयोजक इफ्फतुर रहमान, सुबोध कुमार, पूर्व पार्षद प्रकाश सिन्हा, प्रिंस कुमार, स्वप्निल कुमार सोनू समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

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