बेगूसराय (कोर्ट) : नगर थाने के विश्वनाथ नगर निवासी सुषमा राय ने विद्युत कार्यपालक अभियंता अविनाश सिंह व सहायक विद्युत कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार सहित पांच आरोपितों पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां मामला दर्ज कराया है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजेंद्र प्रताप सिंह ने मामले को न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार चतुर्थ के यहां ट्रांसफर किया है. परिवादी ने आरोपितों पर जेनेरेटर चलाने के एवज में 20 हजार प्रतिमाह की मांग करने का आरोप लगाया. परिवादी ने आरोपितों पर 219, 323, 499, 354, 354 ए , 506 व 379 भारतीय दंड विधि जैसी संगीन धाराओं का मामला दर्ज कराया.
* तीन वर्ष कारावास की सजा
न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार चतुर्थ ने आर्म्स एक्ट के आरोपित गुड्ड सिंह, नावकोठी थाने के बभनगामा निवासी को दोषी पाकर तीन वर्ष कारावास व एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी. अभियोजन की ओर से एपीपी राधेश्याम चौधरी ने चार गवाहों की गवाही करायी. आरोप है कि वह 26 जुलाई, 2005 को पहसारा चौक पक्की सड़क पर तत्कालीन पुलिस पदाधिकारी द्वारा तलाशी लेने पर एक देसी पिस्तौल तथा दो गोलियों के साथ पकड़ा गया. घटना की प्राथमिकी तत्कालीन थानाप्रभारी रंजीत कुमार ने नावकोठी थाना कांड संख्या 49 /5 तहत दर्ज करायी थी.
* साक्ष्य के अभाव में रिहा
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश द्वितीय निवास नारायण सिंह ने प्राणघातक हमले के आरोपित ललन, सुदर्शन, मुकेश, पप्पू, अंजनी, हर्ष नारायण, नंद किशोर, बाल कृष्ण, राजेश चौधरी, डंडारी निवासी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. अभियोजन की ओर से पांच गवाहों की गवाही करायी गयी.
आरोप था कि उन्होंने सात फरवरी, 2009 को ग्रामीण सूचक मनोज चौधरी से रंगदारी की मांग की व गोलीबारी की, जिसमें शंकर तांती ग्रामीण घायल हो गये. इधर, न्यायिक दंडाधिकारी गौरव आनंद ने मारपीट व चोरी के आरोपित भुवनेश्वर साह, रामचंद्र साह, महेंद्र साह, ब्रह्मदेव सहनी, राजेंद्र साह, टुनटुन साह, मंटुन साह, ब्रह्मदेव साह, चेरियाबरियारपुर थाने के परौरा निवासी को धारा 144, 448, 426 व 379 में दोषी पाकर परीविक्षा अधिनियम के तहत सम्यक भर्त्सना कर रिहा कर दिया.
अभियोजन की ओर से एपीओ अनुप लाल मंडल ने छह गवाहों की गवाही करायी. आरोप है कि 18 अप्रैल, 1991 को ग्रामीण सूचक अवधेश प्रसाद सिन्हा के घर में घुस कर चोरी की तथा दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया.