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रिफाइनरी में हो रही देश के प्रथम ग्रीन कूलिंग टावर की स्थापना

बेगूसराय : बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप स्थित ऑफिसर्स क्लब में वार्षिक प्रेस मीट का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन कार्यपालक निदेशक शुक्ला मिस्त्री ने मानस बरा, मुख्‍य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), बीबी बरुआ , मुख्‍य महाप्रबंधक (परियोजना), आरके झा, मुख्‍य महाप्रबंधक (तकनीकी सेवा एवं एचएसई) और बेगूसराय के वरिष्ठतमपत्रकार गुणनांद मिश्रा के साथ दीप जला कर किया. […]

बेगूसराय : बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप स्थित ऑफिसर्स क्लब में वार्षिक प्रेस मीट का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन कार्यपालक निदेशक शुक्ला मिस्त्री ने मानस बरा, मुख्‍य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), बीबी बरुआ , मुख्‍य महाप्रबंधक (परियोजना), आरके झा, मुख्‍य महाप्रबंधक (तकनीकी सेवा एवं एचएसई) और बेगूसराय के वरिष्ठतमपत्रकार गुणनांद मिश्रा के साथ दीप जला कर किया.

मौके पर मानस बरा ने मीडियाकर्मियों का स्वागत किया. मौके पर बिक्रम ज़ेवियर बाबा, वरिष्‍ठ तकनीकी सेवा प्रबंधक ने बरौनी रिफाइनरी के प्रदर्शन पर एक प्रस्तुति दी. जिसमें तकनीकी माइलस्‍टोन, वित्तीय हाइलाइट्स , विस्तार परियोजना और सामुदायिक विकास पहल शामिल थे.
कार्यपालक निदेशक ने बताया कि आइइएज वर्ल्ड आउटलुक 2019 के अनुसार, 2040 तक पूरे विश्व के तेल मांग का 45 प्रतिशत तक हिस्सा भारत का होगा. इन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में इंडियन ऑयल निरंतर निवेश कर रहा है. बिजली के चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर रहा है. नैचुरल गैस के लिए सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क स्थापित कर रहा है. क्लीनर गैस की आपूर्ति के लिए गेल के साथ काम कर रहा है .
बायो फ्यूल यूनिट की स्थापना कर रहा है और व्यापार में विविधता लाने के लिए पेट्रोकेमिकल का भी उत्पादन कर रहा है. उन्होंने कहा कि एक ओर जहां एशिया का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास केंद्र फरीदाबाद में इंडियन ऑयल द्वारा विकसित किया जा रहा है जिसमें इंधन के रूप में हाइड्रोजन गैस के प्रयोग एवं नवीन ऊर्जा के स्रोत को लेकर रिसर्च किया जायेगा.
वहीं दूसरी ओर इंडियन ऑयल हाइड्रोजन फ्यूल सेल में निवेश कर रहा है जिसकी आम बैट्री से अधिक उपयोगिता है. इसी दिशा में हाल ही में इंडियन ऑयल अनुसंधान एवं विकास केंद्र ने देश का पहला हाइड्रोजन फ्यूल सेल पावर्ड फॉर्कलिफ्ट को लांच किया.
पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के इस दौर में इंडियन ऑयल सार्थक पहल की दिशा में कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे भारत में उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार 1 अप्रैल 2020 से बीएस- सिक्स इंधन को शत-प्रतिशत लागू करना है. बरौनी रिफाइनरी निर्धारित समय सीमा से पहले ही बीएस- सिक्स ईंधन का उत्पादन करने में सक्षम हो गयी है.
25 अक्तूबर 2019 को बरौनी रिफाइनरी ने बीएस-सिक्स मानक के पेट्रोल एवं डीजल के पहले बैच को सफलतापूर्वक डिस्पैच किया. उन्होंने कहा कि डिगबोई के बाद बरौनी रिफाइनरी इंडियन ऑयल की दूसरी रिफाइनरी है जो आज की तारीख में हरित ईंधन का उत्पादन कर रही है.
हालांकि बरौनी रिफाइनरी बीएस सिक्स मानक के ईंधन उत्पादन करने में सक्षम हो गयी है पर चुनौतियां अभी शुरू हुई हैं. बीएस सिक्स ईंधन के उत्पादन के बाद अब हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे सारे उत्पाद जल्द से जल्द बीएस सिक्स में ट्रांसफ‍र हो जाएं. कार्यपालक निदेशक ने कहा कि दूसरी बड़ी चुनौती है कि हमें इसकी आपूर्ति बनाये रखना है.
उन्होंने बताया कि हरित ईंधन के उत्पादन के लिए बीएस फोर सिक्स परियोजना के अंतर्गत 11 नवंबर 2019 को एआरयू (यू 908) यूनिट का निदेशक (रिफाइनरीज़), एसएम वैद्य ने उद्घाटन किया. इसके साथ ही एनएचटी- सीसीआरयू के तहत सब स्टेशन – 40 की चार्जिंग भी कमिशन की गयी. देश के प्रथम ग्रीन कूलिंग टॉवर की स्थापना बरौनी रिफाइनरी में की जा रही है.
बरौनी रिफाइनरी विस्तारीकरण परियोजना (6 एमएमटीपीए से 9 एमएमटीपीए) के अंतर्गत नयी एवीयू इकाई से संबंधित कार्य प्रगति पर है. विस्तारीकरण परियोजना के अंतर्गत 11 नयी यूनिट एवं एक नयी पॉलीप्रोपलीन यूनिट की स्थापना की जायेगी. जिससे बिहार में पेट्रोकेमिकल उद्योग का आगाज होगा. इंडजेट परियोजना पर भी कार्य चल रहा है.
एनएचटी-सीसीआरयू की कमिशनिंग भी जल्द की जायेगी. नयी परियोजनाओं की स्थापना के दौरान सभी पर्यावरण मानकों का ध्यान रखा जायेगा. इस मौके पर संचालन बरौनी रिफाइनरी की प्रबंधक (सीसी) अंकिता श्रीवास्तव ने करते हुए सभी मीडियाकर्मियों का बरौनी रिफाइनरी को निरंतर सहयोग करने के लिए अभिवादन किया.

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