बेगूसराय : जिला क्रिकेट संघ के सचिव संजय सिंह, संयुक्त सचिव मृत्युंजय कुमार वीरेश ने बताया कि 18 साल से राष्ट्रीय चैंपियनशिप में वापसी की लड़ाई लड़ रहे बिहार को आखिर खुशखबरी मिल गयी. सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई प्रशासकों ने कहा कि बिहार इस साल सितंबर से सभी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेगी. इससे पहले सौरभ गांगुली की अगुवाई वाले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की तकनीकी समिति ने सर्वसम्मति से बिहार को फिर से रणजी ट्रॉफी 2018-19 सत्र में शामिल करने की सिफारिश कर चुकी है.
साल 2000 के बाद बीसीसीआई की बिहार को पूर्ण मान्यता नहीं होने की वजह से बिहार की टीम रणजी ट्रॉफी में भागीदारी नहीं कर पा रही थी. 15 नवंबर 2000 को झारखंड के गठन के बाद और राज्य के विभाजन के बाद से बिहार को रणजी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी और किसी अन्य घरेलू टूर्नामेंट में खेलने का अवसर नहीं मिला है. तब बीसीसीआई ने बिहार की जगह झारखंड को पूर्ण मान्यता दे दी थी. लेकिन पुन: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीसीसीआई ने बिहार को इस सत्र से रणजी ट्रॉफी में भाग लेने वाली दस्तावेज को सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया है.
इस सत्र से बीसीसीआई के सभी टूर्नामेंट में बिहार की टीम भाग लेगी. इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बिहार क्रिकेट संघ को पूर्ण मान्यता देने के लिए बेगूसराय जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राजीव कुमार, सचिव संजय सिंह, पूर्व महापौर संजय कुमार, संयुक्त सचिव मृत्युंजय कुमार वीरेश, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, कोषाध्यक्ष राजीव रंजन, प्रेमरंजन पाठक, निशीत कुमार, मोहम्मद दानिश, रणवीर कुमार आदि क्रिकेटरों ने सुप्रीम कोर्ट और बीसीसीआई के प्रति आभार प्रकट किया.