गड़बड़ी. लेखा समिति की बैठक में नगर निगम की कारस्तानी उजागर
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100 रुपये का डस्टबिन, आठ सौ रुपये में की गयी खरीद
गड़बड़ी. लेखा समिति की बैठक में नगर निगम की कारस्तानी उजागर निगरानी से जांच कराने का लिया गया निर्णय बेगूसराय : नगर निगम लेखा समिति की बैठक गहमागहमी माहौल में संपन्न हुई. लेखा समिति के अध्यक्ष सह वार्ड आठ के पार्षद संजन देवी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में कई महत्वपूर्ण […]
निगरानी से जांच कराने का लिया गया निर्णय
बेगूसराय : नगर निगम लेखा समिति की बैठक गहमागहमी माहौल में संपन्न हुई. लेखा समिति के अध्यक्ष सह वार्ड आठ के पार्षद संजन देवी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये. बैठक में सदस्यों ने क्रय से संबंधित दस्तावेज समय से उपलब्ध नहीं कराने को लेकर नाराजगी दिखायी. बैठक में 2015-16 में खरीद की गयी एलईडी लाइट और डस्टबीन का मामला छाया रहा. दस्तावेज का आकलन और खरीद कर रखे गये डस्टबीन का सेंपल मंगाकर समीक्षा की गयी, जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि एलईडी लाइट और डस्टबिन की खरीद में अनियमितता बरती गयी है. बैठक में इससे संबंधित दस्तावेज देखने पर सदस्यों ने माना कि खरीद में आनन-फानन में पूरा खेल किया गया प्रतीत होता है.
इससे यह प्रतीत होता है कि अनियमितता के लिए हड़बड़ी में गड़बड़ी की गयी है. लेखा समिति के सदस्यों ने माना कि बाजार मूल्य से आठ गुने दर पर डस्टबिन की खरीद की गयी और एलईडी लाइट खरीद में भी इसी तरह की अनियमितता सामने आयी है. एलइडी लाइट जिसकी खरीद 38 हजार रुपये में की गयी, जबकि इसी लाइट को बिहारशरीफ में लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन द्वारा 12 हजार रुपये में लगाया गया है. बाजार में इसी लाइट की कीमत लगभग नौ हजार रुपये है. फलस्वरूप लेखा समिति ने निगरानी विभाग से एलईडी लाइट और डस्टबीन की खरीद की जांच की अनुशंसा का निर्णय लिया. गौरतलब हो कि 2015-16 वित्तीय वर्ष में 15,000 डस्टबीन खरीद के लिए टेंडर निकाला गया था, लेकिन एक ही तिथि को टेंडर निरस्त कर बुडको के माध्यम से डस्टबीन खरीद का निर्णय लिया गया. बाद में जिस कंपनी का टेंडर निरस्त हुआ, उसी संस्था से डस्टबीन लिया गया. डस्टबीन का बाजार मूल्य सौ रुपये के आसपास होगा, जबकि खरीद 800 रुपये से अधिक में की गयी. बैठक में चर्चा हुई कि दस्तावेज देखने से कई तरह की गड़बड़ियां सामने आयी हैं, इसलिए डस्टबीन खरीद मामले की जांच निगरानी विभाग से करायी जाये. इसी तरह की गड़बड़ियां एलईडी लाइट की खरीद में भी देखी गयी है. बैठक में कनीय अभियंताओं को 2013 से 2016 के बीच लाखों रुपये अग्रिम दिये जाने पर चिंता जाहिर की गयी और प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में नाजिर से वर्तमान स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया गया. नगर निगम की ओर से खरीद की गयी दर्जनों गाड़ियों के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जाने पर नाराजगी जाहिर की गयी. सदस्यों ने निर्णय लिया कि प्रतीत होता है कि नगर निगम के पास दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, जिस वजह से कर्मचारियों ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया. ऐसे में इसके लिए जो जिम्मेदार व्यक्ति हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. बैठक में अध्यक्ष के अलावा सदस्य आलोक कुमार अग्रवाल, सुरेश पासवान, मुनिलाल शर्मा, रूबी देवी, रिंकी देवी, नीलम देवी उपस्थित थे.
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