बेगूसराय : पुलिस की डायरी में सीमा मृत हो चुकी है. उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तैयार हो चुकी है. उसके अपहरण व हत्या के जुर्म में एक व्यक्ति तीन महीनों से सलाखों के पीछे जिंदगी काट रहा है. लेकिन, मरी हुई सीमा आज भी जीवित है. जी हां, जिस सीमा को मृत घोषित कर पुलिस ने अपनी जांच बंद कर ली, वो सीमा देवी गुरुवार को अचानक कोर्ट पहुंच गयी. उसने न्यायालय से बयान के लिए निवेदन भी किया. इस रहस्य का पदार्फाश होते ही अनुसंधानकर्ता के हाथ-पांव फूलने लगे हैं.
दरअसल बीते जून में एक अज्ञात शव को सीमा के रूप में पहचान कर पुलिस ने कांड को सत्य करार देते हुए अपहरण व हत्या के आरोप में निपनिंया निवासी इंद्रदेव यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस रहस्य का खुलासा होते ही पुलिसिया अनुसंधान पर सवाल खड़े होने लगे हैं. यह मामला जिले के तेघड़ा थाना कांड संख्या 192/17 से संबंधित है. इस मामले को लेकर जेल में बंद इंद्रदेव के वकील विजय महाराज ने कोर्ट में बहस के क्रम में इन तथ्यों को पेश किया. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तेघड़ा थानाध्यक्ष व पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है.
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज मिश्रा की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. अधिवक्ता विजय महाराज ने साक्ष्यों को प्रस्तुत करते हुए अपने मुवकिल इंद्रदेव यादव को निर्दोष बताते हुए उनकी रिहाई का अनुरोध न्यायालय से किया है.
क्या है पूरा मामला :तेघड़ा थाना अंतर्गत 24 जून 2017 को एक अज्ञात लड़की की लाश बरामद की गयी थी. जिसे फुलबडि़या थाना के निपनिया निवासी संजय पासवान एवं इंदु देवी ने अपनी बेटी सीमा कुमारी के रूप पहचान की थी. इसी आधार पर कृष्णा यादव समेत सात अन्य के विरुद्ध अपनी बेटी का अपहरण कर हत्या का मामला तेघड़ा थाने में दर्ज कराया था. इस मामले में अनुसंधानकर्ता से वरीय पुलिस अधिकारी तक अपनी रिपोर्ट में सीमा कुमारी की हत्या को सत्य बताते हुए सभी आरोपितों की संलिप्तता बतायी. साथ ही गिरफ्तारी का आदेश दिया था. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित इंद्रदेव यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. लेकिन बाद में इस बात का खुलासा हुआ कि तथाकथित मृतका सीमा कुमारी के पिता ने जिस अज्ञात लाश की पहचान सीमा कुमारी के रूप में की थी. वह वास्तविक में सीमा कुमारी नहीं थी. तो वादी व अनुसंधानकर्ता पशोपेश में पड़ गये हैं.
सीमा नहीं तो लाश किसकी थी
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर वह अज्ञात लाश किस लड़की की थी और कैसे अनुसंधान में इतनी बड़ी चूक हुई. एक जिंदा लड़की को पुलिस के फाइल में मृत कर दिया गया. जिसका खामियाजा आरोपित को उठाना पड़ रहा है. यह मामला अपने आप पुलिस के अनुसंधान पर उंगली उठाती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
मामले संज्ञान में आते ही नये सिरे से जांच करायी जायेगी. कहां चूक हुई. इसकी जांच होगी. जो दोषी पायेंगे जायेंगे, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी.
आदित्य कुमार, एसपी बेगूसराय