बेगूसराय : आस्था का महापर्व छठ को लेकर कल तक जहां उत्सवी माहौल था, वहीं आज मातम की चादर लिपटी है. घर का इकलौता चिराग सोनू की हत्या के बाद हर कोई मर्माहत है. सोनू की मां कभी सपनों में भी नहीं सोची होगी कि जिस बेटे की समृद्धि के लिए छठ का अर्घ देंगे, वो पर्व के दिन ही भगवान का प्यारा हो जायेगा. परिजन के क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन है. सांत्वना देने वालों की आखें भी नम हो जा रही थी. ज्ञात हो कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र में बड़ी एघु निवासी श्यामनारायण ठाकुर के इकलौता पुत्र 30 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. घटना सोमवार की देर रात की है.
मंगलवार की सुबह घटना के बाद जुटी भीड़ के हर चेहरे पर गम और गुस्सा झलक रह रहा था. इकलौते बेटे को खोने के दर्द में माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल बना है.
मोबाइल सीडीआर से खुलेगा राज :मृतक के पिता की मानें तो सोनू रात में 11 बजे खाना खाकर सोने के लिए अपने कमरे में जा रहा था, तभी उसके मोबाइल पर किसी व्यक्ति का फोन आया. फोन पर बातचीत करने के बाद वह अपने ई-रिक्शा चार्जिंग प्वाइंट हाउस पर आया. जहां कुछ ही देर के बाद अपराधियों ने सोनू को गोली मार दी. गोली लगने से घायल सोनू जान बचाने के लिए घर की ओर भागा. लेकिन अपराधियों ने पुन: खदेड़ कर घर की दहलीज पर एक और गोली मारकर फरार हो गया. शोर-शराबा होने पर अन्य परिजन आये और घायल सोनू को इलाज कराने के लिए शहर के निजी अस्पताल ले जाने लगे लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. ऐसे में मृतक के मोबाइल सीडीआर से घटना का राज खुलने की प्रबल संभावना है.
कई बिंदुओं पर जांच कर रही है पुलिस:बताया जाता है कि अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस घटना को कई एंगल से जोड़ कर जांच कर रही है. वैसे हत्या के पीछे उनके किरायेदार के हाथ होने की आशंका जतायी जा रही है. कहा जाता है कि सोनू किरायेदार को मकान खाली करने का दबाव बना रहा था. इसको लेकर दोनों के बीच कहासुनी भी हुई थी. ग्रामीणों की बीच हो रही चर्चा की माने तो सोनू हाल में ही अपनी जमीन बेचा था. जिसमें अपराधी अपने कमीशन की मांग कर रहे थे. इसी विवाद में घटना को अंजाम दिया गया है. कुछ लोग शराब शराब माफियाओं के हाथ होने की बात बता रहे हैं. क्योंकि सोनू शराब बिक्री करने से मना करता था. हालांकि पुलिस हर बिंदुओं पर जांच कर रही है. खबर लिखे जाने तक घटना के कारणों का स्पष्ट खुलासा नहीं हो सका है.
वर्ष 1971-12 में हुई दादा की हत्या :
बताते चलें कि वर्ष 1971-72 में शहर के काली स्थान चौक पर दिन-दहाड़े गोली की शिकार सोनू के दादा लक्ष्मीकांत ठाकुर की भी हत्या अपराधियों ने कर दी थी. इसके बाद पूरा डरे-सहमे जिंदगी काट रहे थे. इसी बीच सोनू की हत्या होने से पूरा परिवार खौफ के मंजर में समा गया है. स्थानीय लोग कहते हैं कि सोनू का व्यवहार कुशल था.