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एफआईआर व अनुसंधान तक सिमटा साइबर क्राइम

बेगूसराय : डिजिटल हो रहे जमाने में बैंक में जमा रुपये पर भी खतरा है. पहले लोग जब अपने पैसे को बैंक में जमा कर देते, तो वह सुकुन महसूस करते थे कि अब उनका पैसा सुरक्षित हो गया, लेकिन आज के समय में उनका पैसा बैंकों में भी सुरक्षित नहीं है. पासबुक व एटीएम […]

बेगूसराय : डिजिटल हो रहे जमाने में बैंक में जमा रुपये पर भी खतरा है. पहले लोग जब अपने पैसे को बैंक में जमा कर देते, तो वह सुकुन महसूस करते थे कि अब उनका पैसा सुरक्षित हो गया, लेकिन आज के समय में उनका पैसा बैंकों में भी सुरक्षित नहीं है. पासबुक व एटीएम कार्ड पास में रहने के बावजूद उनके खाते से पैसों की निकासी हो जा रही है.

जिले में बढ़ते साइबर अपराध के चलते आम जनता से लेकर पुलिस विभाग भी परेशान है. मामला पुलिस-थाना तक पहुंच रहा है. लेकिन एफआइआर व अनुसंधान तक ही मामले सिमट जा रहे हैं, इसके चलते इन घटनाओं का खुलासा नहीं हो पा रहा है. शायद यही कारण है कि जिले में साइबर क्राइम बढ़ रहा है. सूत्रों की मानें, तो साल में 30 से 35 मामले थाने पहुंचे रहे हैं.

साइबर अपराधियों का नया फंडा : हाल के दिनों में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. बताया जा रहा है कि साइबर अपराध से जुड़े सदस्य लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए कई तरह फंडा अपना रहे हैं. लक्की ड्रा, इनामी राशि, लॉटरी सहित कई अन्य ऑफर का झांसा देकर उनके एकाउंट का नंबर और गुप्त कोड पूछते हैं फिर उनके खाते में जमा राशि को पल भर में ही गायब कर देते हैं. इतना ही नहीं, जब आप बैंक के एटीएम पहुंचते हैं, तो उसके पहले से ही गिरोह के सदस्य एटीएम में खड़े रहते हैं.
जब आप अंदर जाकर कार्ड लगाते हैं, तो वह आपके एटीएम कार्ड नंबर का पीछे से मोबाइल से वीडियो बना लेता हैं और गुप्त कोड तक चुरा लेता हैं. इसके बाद वह अपने ‘आका’ को वह वीडियो भेज देता हैं. वीडियो पाते ही साइबर क्राइम से जुड़े उनके ‘आका’ तत्काल पैसा को उनके खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर देते हैं. इतना ही नहीं, हाल के दिनों में अपने को बैंक अधिकारी बता कर भी आपसे गुप्त कोड पूछा जा रहा है और उनकी गाढ़ी कमाई पर अपना हाथ साफ कर लेता है.
ऐसे करें बचाव : आपकी सतर्कता से ही आपका पैसा बैंक में सुरक्षित रह सकता है. जब आप एटीएम से पैसा निकालने जाएं, तो देख लें कि कोई उसके अंदर तो नहीं है. अगर कोई अंदर है, तो कदापि एटीएम के अंदर न जाएं, वह साइबर क्राइम रैकेट का सदस्य भी हो सकता है. साथ ही अगर कोई आपको अपने को बैंक कर्मचारी बनकर फोन करें, तो कदापि उसको सूचना न दें, वह जालसाज हो सकता है और चंद मिनट में आपके खाते से पैसा निकाल सकता है. इसलिए सावधानी आपको ही बरतनी होगी.
ये हैं बढ़ते साइबर अपराध के उदाहरण
13 सितंबर, 2017 को गढ़पुरा थाने के रजौड़ निवासी शिक्षक दंपति विकास कुमार और उनकी पत्नी के खाते से 50-50 हजार रुपये उड़ाये.
16 सितंबर, 2017 को नावकोठी थाना क्षेत्र के रजाकपुर में मंटुन महतो की पत्नी निशा देवी के खाते से 10 हजार रुपये उड़ाये.
29 जुलाई ,2017 को फुलवड़िया निवासी व खगड़िया के सहकारिता पदाधिकारी संजय कुमार के खाते से 65 हजार रुपये उड़ा लिये.
20 फरवरी ,2017 को बरौनी थाना क्षेत्र के हाजीपुर गांव के शिवनगर निवासी सुजीत कुमार के खाते से 50 हजार उड़ा डाले.
27 मार्च ,2016 को फुलवड़िया थाना क्षेत्र की फुलबड़िया पंचायत-तीन निवासी राजेश कुमार के खाते से 50 हजार 196 रुपये उड़ाये गये.
क्या कहते हैं अधिकारी
बढ़ते साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है. साइबर क्राइम से जुड़े गिरोह तक पहुंचने के लिए विशेष टीम का गठन किया जा रहा है. आमलोगों को भी सावधानी बरतनी चाहिए.
आदित्य कुमार, एसपी, बेगूसराय

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