कैसे पूरी होगी सरकार की मंशा
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समस्या . लाभुकों को भुगतान के लिए लंबे समय तक करना पड़ता है इंतजार
कैसे पूरी होगी सरकार की मंशा बेगूसराय : बिहार सरकार सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए जहां एक ओर प्रोत्साहन राशि देने की योजना चलाती है ताकि आम जनता ज्यादा से ज्यादा संख्या में सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज करा सकें बावजूद इसके समय पर लाभुकों को राशि आवंटित नहीं हो पा रही है. […]
बेगूसराय : बिहार सरकार सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए जहां एक ओर प्रोत्साहन राशि देने की योजना चलाती है ताकि आम जनता ज्यादा से ज्यादा संख्या में सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज करा सकें बावजूद इसके समय पर लाभुकों को राशि आवंटित नहीं हो पा रही है. कुछ ऐसा ही नजारा दिखा बेगूसराय में जहां लंबे समय से लाभुकों को न सिर्फ प्रसव राशि बल्कि अन्य प्रकार की राशि से भी वंचित हैं.
राशि मिलने की क्या प्रक्रिया है: लाभुकों को राशि मिलने की प्रक्रिया के संबंध में अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि जिस समय अस्पताल में बच्चे का जन्म होता है उसी समय उक्त महिला का आधारकार्ड और बैंक पासबुक लेकर उसका लिंकअप कर दिया जाता है ताकि उसका अकाउंट पंजीकृत हो सके .अकाउंट जेनरेट होने के बाद बैंक को लाभुक की पूरी जानकारी और जेनरेट अकाउंट की सूची बैंक को भेज दी जाती है . सूची मिलते ही बैंक अस्पताल के अकाउंट से उतनी राशि काट लेती है और पीएफएमएस के द्वारा लाभुक के अकाउंट में उक्त 1400/600 राशि चली जाती है. विदित हो कि प्रसव के बाद लाभुक को 1400 की राशि और नसबंदी के लिए 600 की राशि दी जाती है.
क्या होती है परेशानी :सदर अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि कभी -कभी ऐसा भी होता है कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण मेरे यहां से राशि कट जाती है लेकिन लाभुकों के अकाउंट में राशि जा नहीं पाती है. इस स्थिति में आइटी सेक्शन में कॉल कर के उसे पुन: राशि का संपादन कराया जाता है. पहले चेक से राशि का वितरण किया जाता था जिस वजह से लाभुकों को दिक्कतें होती थी. इसी वजह से अब ऑनलाइन पेमेंट का प्रावधान कर दिया गया है, जिससे सीधा लाभुक के अकाउंट में राशि का भुगतान हो जाता है .हालांकि कुछ तकनीकी गड़बड़ी की वजह से अभी अप्रैल माह से ऑनलाइन पेमेंट बंद है लेकिन बहुत जल्द यह शुरू हो जायेगा.
क्या कहते हैं लाभुक:सदर अस्पताल में आये लाभुकों ने बताया कि राशि नहीं आने की शिकायत मैंने कई बार कर्मचारियों से की लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं देता . शाहपुर की काजल देवी, रूपम कुमारी, रीना देवी,संजू देवी, कमरुद्दीनपुर की सोनम कुमारी, किरण देवी,शोभा देवी, संजू देवी सहित ऐसी अन्य महिलाओं ने बताया कि फरवरी 2016 में प्रसव कराया था लेकिन तब से सदर अस्पताल के कई बार चक्कर लगा चुके लेकिन अब तक उक्त राशि मेरे अकाउंट में नहीं आ पाया. जब भी इस संबंध में पूछने आते हैं तो डांट कर भगा दिया जाता है. इस संबंध में एक नहीं कई आशाओं ने अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि अस्पताल में नीचे दर्जे के कुछ खास कर्मचारियों की लापरवाही और मनमानापूर्ण रवैये की वजह से इस तरह की परेशानी हो रही है जिस पर पदाधिकारी ध्यान नहीं देते.
क्या कहते हैं पदाधिकारी:इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ हरिनारायण सिंह ने बताया कि पहले चेक के माध्यम से पेमेंट होता था जिसे लाभुक समय पर नहीं लेने की वजह से उनका पेमेंट नहीं हो पाता था . इसी असुविधा के कारण अब ऑनलाइन पेमेंट का प्रावधान कर दिया गया है.
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