बांका : सिर्फ कहने मात्र को ही रह गया है बांका रेलवे जंकशन जहां बुनियादी सुविधा एक हॉल्ट के बराबर भी नहीं है. इससे यात्रियों के बीच काफी क्षोभ व्याप्त है़ बांका जंकशन पर यात्रियों के सुरक्षा के लिए न तो काई पर्याप्त व्यवस्था है, और न ही यहां पर यात्री विश्राम गृह, शौचालय, स्वच्छ पेयजल सहित अन्य नागरिक सुविधाएं मौजूद है़ बांका जंकशन से बेहतर व्यवस्था बांका से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित मुरहारा हॉल्ट की है़ जहां पर यात्रियों के बैठने व ठहरने के लिए यात्री विश्राम गृह एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं यात्री को मिल रही है़ं
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बांका जंकशन पर यात्री सुविधाओं का अभाव बांका स्टेशन.
बांका : सिर्फ कहने मात्र को ही रह गया है बांका रेलवे जंकशन जहां बुनियादी सुविधा एक हॉल्ट के बराबर भी नहीं है. इससे यात्रियों के बीच काफी क्षोभ व्याप्त है़ बांका जंकशन पर यात्रियों के सुरक्षा के लिए न तो काई पर्याप्त व्यवस्था है, और न ही यहां पर यात्री विश्राम गृह, शौचालय, स्वच्छ […]
बेटिकट यात्रा है मजबूरी
जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित बांका जंकशन पर दो टिकट काउंटर है़ लेकिन रेल प्रशासन के द्वारा मात्र एक ही टिकट काउंटर नियमित रूप से खोला जाता है़ जो कांउटर ट्रेन आने के कुछ घंटे पूर्व ही कार्यरत होता है़ इससे आम यात्रियों को खासकर सुबह में बांका राजेंद्र नगर इंटरसिटी ट्रेन के लिए टिकट लेने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है़ ऐसे में टिकट काउंटर पर लगी भीड़ के कारण यहां के यात्री जल्दबाजी में बिना टिकट ही ट्रेन पर सवार हो जाते है़ं
अंधेरा में डूबा है जंकशन
जंकशन परिसर में लगे सभी बिजली पोल के बल्व फूट चुके है़ं जिसे देखनेवाला कोई नहीं है़ इसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पडता है़ संध्या वेला में बांका जंकशन से खुलने वाले बांका-भागलपुर पेसेंजर ट्रेन को पकड़ने वाले यात्रियों को प्रतिदिन अंधेरे में ही जंकशन जाना पड़ रहा है़ इससे कई यात्री चोटिल भी हो चुके है़ं जंकशन पूर्णरूपेण बिजली पर अाधारित है़ बिजली नहीं रहने पर पूरा स्टेशन व इनका परिसर अंधेरे में डूबा रहता है़ पूरे रेलवे परिसर में अंधेरा रहने के कारण असामाजिक तत्वों द्वारा कई घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है़ यहां आनेवाले यात्रियों को हमेशा भय बना रहता है.
सुरक्षा व्यवस्था है नदारद
बांका जंकशन की सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो यहां पर आरपीएफ के महज दो जवान ही तैनात है़ं जिनके भरोसे यात्री एवं स्टेशन के बड़े भू-भाग की सुरक्षा की जिम्मेवारी है़ ज्ञात हो कि विगत एक माह पूर्व बांका स्टेशन से रात में पैसेंजर ट्रेन पकड़ने आये कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अंधेरे का फायदा उठाकर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया था़ इससे आम यात्री खासकर महिलाओं को हमेशा किसी अनहोनी का भय बना रहता है़ वहीं परिसर में लगे सोलर प्लेट भी भगवान भरोसे ही रहती है़ इससे शायद ही कभी राेशनी होती है.
कितने कर्मी है कार्यरत
बांका जंकशन पर एक स्टेशन मास्टर व दो सहायक स्टेशन मास्टर के अलावे दो बुकिंग कर्ल्क, दो गेट मैन, दो पोर्टर व दो आरपीएफ के जवान नियुक्त है़ जो ट्रेन के समय पर ही दिखाई देते हैं शेष समय में कर्मी खोजते नहीं मिलते है़ं
खाली पडा है रेलवे क्वार्टर
रेल विभाग द्वारा इन कर्मियों के ठहरने के लिए रेल परिसर में 12 क्वार्टर बनाये गये हैं. लेकिन बिजली-पानी व अन्य रख-रखाव की सुविधा नहीं होने के कारण इनके तीन क्वार्टर में किसी तरह सिंगनल मैन रहते हैं बांकि क्वार्टर खाली पडा हुआ है़
गंदगी का है सम्राज्य
स्टेशन परिसर पर मौजूद कूड़ादान में कई दिनों से कूड़ा भरा पडा हुआ है़ इसके अलावे परिसर के विभिन्न जगहों पर यत्र-तत्र गंदगी फैली हुई है़ साफ-सफाई के नाम सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है़
प्रेमी युगल के िलए सुरक्षित
रेलवे जंकशन सुबह व शाम के समय में प्रेमी युगल का सुरक्षित परिसर बन जाता है़ अक्सर शाम के समय में कई प्रेमी युगल कभी जंकशन के समपार पुल या फिर रेलवे मैदान पर देखे जाते है़ं जिसे रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है़ अधिकारी की मानें तो कई बार पूछताछ की गयी़ लेकिन कोई न कोई बहाना बनाकर अक्सर ये प्रेमी युगल स्टेशन परिसर पर विचरण करते है़ं
स्टेशन कर्मी है लापरवाह
स्टेशन पर आग जैसी घटना पर काबू पाने के लिए कोई खास सुविधा उपलब्ध नहीं है़ फिर भी स्टेशन पर एक किनारे में बालू की छह बाल्टी को एक स्टैंड में रखा गया है़ जहां तीन बाल्टी में बालू है ही नहीं. जिससे यहां के अधिकारी की संवेदनहीनता स्पष्ट परिलक्षित होती है़ अगर कभी अगलगी की घटना हो जाये तो स्थिति बदतर हो जायेगी.
स्टेशन में बुनियादी सुविधाओं की बढ़ोतरी राजस्व प्राप्ति के अनुसार ही किया जाता है़ बांका रेलवे स्टेशन से जितनी ट्रेनें खुलती है और जितने भी यात्री ट्रेन की यात्रा करते है उस अनुरूप यहां राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है़ जिस कारण यात्री सुविधा सहित अन्य रख-रखाव की सुविधाओं में कुछ कमी है़ हालांकि इसके लिए विभाग के वरीय अधिकारी को लिखा गया है़
एस खाखा, स्टेशन मास्टर, बांका जंकशन
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