डेंगू से युवक की मौत,परिजनों ने किया हंगामाबांका के तेलिया गांव का रहनेवाला था अरविंद साहपरिजनों का आरोप, रात भर तड़पता रहा मरीज, देखने नहीं आये चिकित्सकसंवाददाता4भागलपुररात भर सांस की तकलीफ से डेंगू का मरीज परेशान रहा. परिजन इलाज के लिए वार्ड से इमरजेंसी तक गुहार लगाते रहे लेकिन एक भी चिकित्सक इलाज को नहीं पहुंचा. आखिरकार शुक्रवार की सुबह युवक की मौत हो गयी. हालांकि युवक को डेंगू होने से अस्पताल प्रशासन इनकार कर रहा है. मौत से आक्रोशित मरीजों ने करीब 15 मिनट तक हंगामा किया. इस दौरान वहां पर तैनात नर्स को मारने के लिए भी दौड़ा दिया. सूचना के बावजूद जिम्मेदारों ने मौके पर पहुंचने के बजाय दो-तीन गार्ड भेजा. गार्ड ने परिजनाें को शांत कराकर लाश को वार्ड से बाहर निकलवाया. मिन्नत के बावजूद नहीं आये डॉक्टरबांका जिले के तेलिया गांव निवासी कमलेश्वर साह के पुत्र अरविंद साह(22) को उसके परिजनों ने शनिवार की रात 12:05 बजे(28 अगस्त) डेंगू वार्ड में डॉ भरत भूषण के यूनिट में भरती कराया. भरती के बाद उसका प्लेटलेट्स कम होने के कारण उसे दो यूनिट प्लेलेट्स चढ़ाया गया. सांस की तकलीफ समेत उसे कई समस्या थी. गुरुवार की रात करीब 10 बजे उसे सांस की तकलीफ शुरू हुई. हैरान-परेशान परिजनों ने डॉक्टर को दिखाने के लिए मौजूद नर्सों से गुहार लगायी. अगल-बगल के मरीजों एवं तीमारदारों के अनुसार, रात भर ड्यूटी पर मौजूद नर्सों ने अरविंद को देखने के लिए इमरजेंसी तक मैसेज भिजवाया, लेकिन एक बार भी डॉक्टर उसे देखने के लिए नहीं आये. मां सुलेखा व पंकज की मानें तो एक बार वे लोग भी इमरजेंसी में गये थे. बहुत मिन्नत करने के बावजूद डॉक्टर नहीं आये. आखिरकार शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे अरविंद की मौत हो गयी. मरीजों ने किया हंगामा, नर्स को मारने के लिए दौड़ायामौत के बाद परिजनों का आक्रोश चरम पर था. इस दाैरान मां सुलेखा व पंकज साह ने आरोप लगाया कि सुबह 6:10 बजे ड्यूटी पर तैनात नर्स ने अरविंद को इंग्जेक्शन लगाया. सूई लगाने के कुछ देर बाद ही अरविंद की माैत हो गयी. सूई के बाबत वार्ड की नर्सों ने बताया कि मृतक का पहले से ही डेरिलफाइलिन और सोडियम बाइ कॉर्ब का इंग्जेक्शन चल रहा था. यही इंग्जेक्शन उसे सुबह 6:10 बजे लगाया गया था. हंगामा कर रहे लोगों में से एक ने ड्यूटी पर तैनात नर्स आशा कुमारी को मारने के लिए दौड़ाया. नर्सों ने हंगामा की सूचना हेल्थ मैनेजर चंद्रकांता को दी. लेकिन कोई भी जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा. कुछ देर बाद डेंगू वार्ड में दो-तीन गार्ड पहुंचे और परिजनों को शांत कराया. इसके बाद लाश को वार्ड से बाहर निकलवा कर एंबुलेेंस के जरिये घर भिजवा दिया. पांच दिन बाद तक नहीं आया एलाइजा टेस्ट28 अगस्त को अरविंद साह का एलाइजा टेस्ट कराने के लिए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. सैंपल भेजने के पांच दिन बाद मरीज की मौत हो जाती है लेकिन उसका रिपोर्ट नहीं आया. मौत के बाद जागा अस्पताल प्रशासन, डेंगू वार्ड में तैनात होंगे जूनियर डॉक्टरआठ अगस्त से ही डेंगू वार्ड चल रहा था. मरीज व उनके तीमारदार लगातार शिकायत कर रहे थे कि रात में मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर नहीं रहते हैं और इमरजेंसी के चिकित्सक आते नहीं है. लेकिन अस्पताल प्रशासन लगातार इस बात को नजरंदाज करता रहा. शुक्रवार को जब अरविंद की माैत हो गयी तब जाकर अस्पताल प्रशासन जागा. ………………अब डेंगू वार्ड में तीन शिफ्ट में जूनियर डॉक्टर तैनात होंगे. मेडिसिन विभाग ने रोस्टर तैयार कर लिया है. शनिवार से यह व्यवस्था लागू हो जायेगा. रैपिड टेस्ट में मृतक को डेंगू निगेटिव आया था. अरविंद की माैत डेंगू के कारण नहीं हुई. उसका प्लेटलेट्स 61000 था और उसे दो यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाया गया था. अगर उसे डेंगू होता तो उसका प्लेटलेट्स 10000 से नीचे होता और मल्टीपल साइड(मुंह, नाक, कान, गुदा द्वार आदि) से ब्लीडिंग होती. डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच
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डेंगू से युवक की मौत,परिजनों ने किया हंगामा
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