स्थिति से निबटने की दिशा में उदासीन बना हुआ है विभाग
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ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर जल संकट
स्थिति से निबटने की दिशा में उदासीन बना हुआ है विभाग बांका : भूगर्भीय जल स्तर के नीचे उतर जाने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है. कुआं और तलाब पहले ही सूख चुके हैं. अब चापाकल भी जवाब देने लगे हैं. बांका सदर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत करमा पंचायत के […]
बांका : भूगर्भीय जल स्तर के नीचे उतर जाने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है. कुआं और तलाब पहले ही सूख चुके हैं. अब चापाकल भी जवाब देने लगे हैं. बांका सदर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत करमा पंचायत के भतकुंडी कदरसी टोला में पिछले करीब पांच माह से चापाकल से पानी नहीं निकल रहा है. काफी प्रयास के बाद बहुत कम मात्रा में चापाकल से पानी निकलता है. ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए काफी मशक्त करना पड़ता है
तभी पीने योग पानी अपने घरों में उपयोग कर पाते है. इस संबंध में ग्रामीण नारो लैया, मनोज लैया, कुशमा देवी, मंटू लैया ने बताया कि गांव में सरकारी दो चापाकल है. लेकिन गरमी के मौसम में दोनों चापाकल को करीब दस मिनट तक लगातार चलाने पर एक बाल्टी पानी भरता है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बांका सदर प्रखंड क्षेत्र में कुल 220 वार्ड है. इसमें 55 से अधिक चापाकल बंद पड़ा हुआ है.
इधर पीएचईडी विभाग के जेई का कहना है जनवरी से अब तक क्षेत्र में नया चापाकल नहीं लगाया गया है. जिस गांव का खराब चापाकल की जानकारी मिली है वहां उसे ठीक कराया जा रहा है. गरमी के मौसम में चापाकल काफी कड़ा हो जाता है. जिससे छोटे- छोटे इस चापाकल को चला कर पानी नहीं पी सकते है. वहीं एक चापाकल का ऐसा स्थिती है कि प्रतिदिन चलाने से पहले पानी डालना पड़ता है तभी वो कुछ देर के चलता है.
इसे भी अधिक समय तक चलाने पर चापाकल से पानी निकल बंद हो जाता है. फिर कुछ समय तक पानी के लिए इंतजार करना पड़ता है. कदरसी टोला में लैया समुदाय के करीब 35 घर है जो प्रतिदिन पीने का पानी बगल स्थित भतकुंडी स्कूल के चार दिवारी पार कर पानी घर ले जाते है. ग्रामीणों का कहना है कि एक तरह से विद्यालय में लगे चापाकल के भरोसे ही यहां के ग्रामीण है. हालांकि विद्यालय खुला रहने पर शिक्षक द्वारा पानी लेने पर रोक लगाया जाता है. फिर भी ग्रामीण चोरी चुपके व विद्यालय बंद होने पर चार दिवारी को पार कर पानी लेते है.
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