पानी पीने के लिए विद्यालय से बाहर जाना पड़ता है छात्रों को
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बूंद-बूंद पानी के लिए भटकते हैं स्कूल के बच्चे
पानी पीने के लिए विद्यालय से बाहर जाना पड़ता है छात्रों को विभाग को सूचना के बाद भी ठीक नहीं कराया गया अब तक चापाकल बांका : बांका प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत करमा पंचायत के प्रोन्नत मध्य विद्यालय मंझियारा का चापाकल फेल हो जाने से छात्र-छात्राओं को पेयजल के गंभीर संकट सामना करना पड़ रहा है. […]
विभाग को सूचना के बाद भी ठीक नहीं कराया गया अब तक चापाकल
बांका : बांका प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत करमा पंचायत के प्रोन्नत मध्य विद्यालय मंझियारा का चापाकल फेल हो जाने से छात्र-छात्राओं को पेयजल के गंभीर संकट सामना करना पड़ रहा है. यहां के छात्रों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है. पिछले कई सप्ताह से विद्यालय का चापाकल खराब होने के कारण स्कूली बच्चे को पानी के लिए गांव में किसी व्यक्ति के घर जाना पड़ता है. कभी-कभी बच्चों की टोली को देख कर लोग अपने घरों का दरवाजा बंद कर लेते है या फिर चापाकल खराब होने का हवाला देते हुए भगा देते है. भले जल ही जीवन है का नारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सुनने को मिलती है.
लेकिन गरमी के मौसम की शुरुआत होते ही जिले भर के विभिन्न क्षेत्रों में जल का स्तर काफी नीचे जाने से पेयजल की समस्या गहराने लगी है.
शिक्षक भानुशंकर कुमार ने बताया कि विद्यालय में मंझियारा दोनों टोला, बौसा एवं करनाबै गांव के छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते है. इस विद्यालय में प्रथम से अष्टम वर्ग तक की पढ़ाई होती है. विद्यालय में कुल 440 नामांकित छात्र-छात्राएं है. प्रतिदिन करीब 400 बच्चे उपस्थित होते है. विडम्बना यह है कि गरमी की शुरुआत होते ही विद्यालय का चापाकल खराब हो गया है. जिससे विद्यालय में पानी का काफी किल्लत हो गयी है. बच्चे के लिए बनने वाली भोजन बनाने में भी रसोईया को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
भोजन बनाने के लिए रसोईया को गांव से जाकर पानी लाना पड़ता है. तभी विद्यालय में भोजन बन पाती है. विद्यालय में भोजन करने के बाद बच्चे पानी के लिए बाहर दौड़ते हैं. खराब चापाकल के बारे में विद्यालय के शिक्षक कई बार पीएचडी विभाग एवं शिक्षा विभाग को आवेदन देकर इसकी शिकायत दर्ज करा चुके है. करीब 24 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक विभाग द्वारा चापाकल की मरम्मती नहीं की गयी है. मंगलवार को एक बार फिर शिक्षक ने पीएचडी एवं शिक्षा विभाग को आवेदन देकर चापाकल मरम्मती के लिए गुहार लगायी है.
पीएचडी विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि शिक्षक ने खराब चापाकल के वारे में आवेदन दिया है. दो दिन के अंदर मिस्त्री को भेज कर चापाकल चालू करवा दिया जायेगा.
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