बांका : भागलपुर-हंसडीहा अंतरराज्यीय राज्यमार्ग बांका जिले के लिए नासूर बन कर रह गया है. यह सड़क वाहनों की तो दूर, पैदल चलने लायक भी नहीं रह गयी है. फिर भी इस पर वाहन और पांव पैदल लोग चलने पर विवश हैं. यह स्थिति इस सड़क की महत्ता को दर्शाती है. दरअसल पूर्व बिहार को पश्चिमोत्तर झारखंड प्रदेश को जोड़ने वाली सबसे महत्वपूर्ण सड़क है. बांका जिले के लिए तो यह सड़क मानो जीवन रेखा है. बांका और भागलपुर को जोड़ने वाली यह सबसे महत्वपूर्ण सड़क है. लेकिन इस सड़क की पिछले कुछ वर्षों से स्थिति कुछ इस तरह बनी हुई है कि लोग सड़क छोड़ इसके फ्लैंक पर बनी पगडंडियों से होकर चलने में ही अपनी भलाई समझते है
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गड्डों में तब्दील सड़क पर पैदल चलना भी हुआ दूभर
बांका : भागलपुर-हंसडीहा अंतरराज्यीय राज्यमार्ग बांका जिले के लिए नासूर बन कर रह गया है. यह सड़क वाहनों की तो दूर, पैदल चलने लायक भी नहीं रह गयी है. फिर भी इस पर वाहन और पांव पैदल लोग चलने पर विवश हैं. यह स्थिति इस सड़क की महत्ता को दर्शाती है. दरअसल पूर्व बिहार को […]
सड़क में हर कदम पर गड्डे हैं. गड्डे भी इस तरह की यदि किसी भारी वाहन का एक पहिया उनमें धंसा तो वाहन का रूकना वहीं पर तय हैं. जो मजबूरी में ही सही गिरते पड़ते इस मार्ग से सफर करते हैं, उन्हें मालूम है इस सड़क की जानलेवा स्थिति. सड़क पर दर्जनों स्थानों पर गुल्ले तुड़वाकर वाहन जगह – जगह गड्डों में फंसे होते है. सड़क पर खराब पड़े इन्हीं वाहनों की वजह से इस मार्ग पर हमेशा जाम की स्थिति रहती है. ऐसे में झारखंड की ओर से आने वाले वाहनों ने वैकल्पिक तौर पर बांका – अमरपुर होकर भागलपुर का मार्ग अपना लिया है. बांका से भागलपुर आने जाने के लिए भी अब ढाकामोड़ भागलपुर मार्ग की जगह लोगों ने अमरपुर कजरैली मार्ग को ही अपना लिया है.
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