* एनडीए गंठबंधन की टूट का असर अब सरजमीन पर आया
बांका : बिहार में एनडीए में आयी दरार के कुछ दिन बाद अब बांका में भी दोनों दलों के बीच टूट का असर सरजमीन पर आ गया है. रजौन के डीएन सिंह भूसिया कॉलेज परिसर में भाजपा कार्यकर्ता का सम्मेलन सोमवार को आयोजित किया गया था, जिसमें भाजपा के बड़े से लेकर ग्रामीण स्तर के नेता उपस्थित थे. लेकिन सियासत की राजनीति में तूफान तब आ गया जब क्षेत्र के जदयू युवा विधायक मनीष कुमार उस कार्यक्रम में पहुंच गये जिसकी गरमाहट ने प्रदेश स्तर तक दोनों दल के नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया.
भाजपा के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले मनीष कुमार ने इसे जिंदगी की सबसे बड़ी भूल और पछतावा करार देते मंगलवार को जिले के जदयू कार्यकर्ताओं के बीच परिसदन में प्रेसवार्ता में भाजपा की साजिश और उसके दल को मतलबी, उन्मादी, सांप्रदायिक, व्यथित-बेचैन और विश्वासघाती बताया. जदयू बैनर तले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जदयू के धौरेया विधायक ने कहा कि उन्हें समाचार पत्र के माध्यम से जानकारी मिली जिस कारण मैं आप लोगों के साथ बैठ रहा हूं.
भाजपा निजी स्वार्थ में षड़यंत्र के तहत मुङो कार्यक्रम में बुला कर अपना पीठ थपथपा रही है. मैं तो रजौन कॉलेज में आयोजित बैठक में विलंब हो जाने की बात कहने प्राचार्य से गया था. इस बीच वहां आयोजित सम्मेलन में उपस्थित कुछ दिन पहले तक हमारे कार्यकर्ता रहे उनके बुलाने पर मैं मानवता के नाते वहां गया.
बचपन से मिले संस्कार के अनुसार जहां बड़े बुजूर्ग उपस्थित नेताओं को सम्मान एवं प्रणाम का संकेत दिया. मंच से मैंने यह कहा कि मैं आपका विधायक हूं और रहूंगा. यह तो मेरे व्यक्तित्व का चीरहरण हो गया. भाजपा पर पलट वार करते हुए कहा कि षड़यंत्र के तहत मुङो बुला कर मेरी छवि तथा पार्टी की लोकप्रियता को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. इस प्रेसवार्ता में जदयू नेता सह एमएलसी मनोज यादव, जिला अध्यक्ष जदयू ओम प्रकाश, उच्चेश्वर सिंह, रजौन कॉलेज के प्राचार्य महेश प्रसाद सिंह, रितेश चौधरी, अभिषेक गौरव सहित अन्य थे.
* जदयू का समर्पित सिपाही हूं
मनीष कुमार ने प्रेस वार्ता में जदयू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि मैं नीतीश कुमार के कारण ही राजनीति में आया और गरीब और दलित का बेटा होकर भी विधायक बन पाया. नीतीश कुमार के प्रति उनका समर्पण अंतिम सांस तक रहेगा. दिल, दिमाग, रूह और खून के कतरा- कतरा से वो नीतीश के साथ हूं.
* हर जिम्मेदारी निभाउंगा
जिस तरह से भाजपा की राजनीतिक छवि रही है, जदयू से उसका गंठबंधन तो बहुत पहले टूट जाना था. वहीं पूछे गये सवाल कि जब भी गंठबंधन से अलग होकर अकेले आपकी पार्टी ने चुनाव लड़ा है तो आपके पार्टी के उम्मीदवार की हार हुई है.
उनका कहना था कि वे अकेले ही जब तक भाजपा को प्रमंडल से बाहर न कर देंगे तब तक चुप नहीं बैठेंगे. इधर एक सवाल के जवाब में मनीष कुमार ने कहा कि मुङो मंत्री बनने का शौक नहीं है अगर पार्टी के मुखिया उन्हें जिम्मेवारी सौपेंगे तो वे उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे.