कटोरिया : जेठ महीना की धूप का रूप दिनों-दिन विकराल ही होता जा रहा है. चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है. सुबह दस बजे से लेकर दिन के तीन बजे तक सड़कों पर कर्फ्यू सा नजारा दिख रहा है. दोपहर में बाजार की दुकानों में भी ग्राहकों की संख्या नगण्य रह रही है.
धूप के दौरान घर से बाहर निकलने वाले लोग चेहरा ढंक कर या छाता लेकर ही बाहर निकलने को विवश हैं. विशेष रूप से स्कूल से छुट्टी के बाद घर लौटने वाले छोटे-छोटे बच्चों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों सहित बड़े भी लू की चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं. कई बच्चे व बड़े डायरिया से भी पीडि़त हुए हैं. दोपहर में कोचिंग सेंटर जाने वाली छात्राएं दुपट्टा से चेहरा ढंक कर ही घर से निकलने को मजबूर हो रही है. भीषण गर्मी का असर पेड़-पौधों के साथ-साथ जीव-जंतु पर भी पड़ रहा है. छोटे-छोटे पौधे व सब्जी के पौधे व लत आदि झुलसे नजर आ रहे हैं. गर्मी का पारा चढ़ने के साथ ही कोल्ड-ड्रिंक्स व ठंडे पेय पदार्थ जैसे लस्सी, बर्फ के शरबत, बेल शरबत, ईख का जूस, नारियल पानी, फलों के जूस आदि की डिमांड काफी बढ़ गयी है. पिछले चार दिनों से बढ़ी धूप की तपिश की वजह से लोग खाना व नास्ता की बजाय कोल्ड-ड्रिंक्स, सत्तु शर्बत व ठंडा पेय लेना ही पसंद कर रहे हैं. चिलचिलाती धूप के कारण इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे पंखा, कूलर, एयरकंडीशन आदि की बिक्री भी बढ़ी है. हटिया में मिट्टी के बर्तनों जैसे घड़ा व सुराही की डिमांड भी बढ़ी है. घर के कमरों में भी उमस भरी गर्मी से लोग परेशान है. परेशान लोग आसमान की ओर टकटकी लगा कर बारिश का बेसब्री से इंतजार भी कर रहे हैं. ताकि पारा गिरे और राहत मिले.