अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रही हैं सुविधाएं
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बिना प्रसव जन्म प्रमाण-पत्र देने के मामले में अब तक नहीं हुई कार्रवाई
अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रही हैं सुविधाएं बौंसी : बौंसी रेफरल अस्पताल में पिछले महीने बिना प्रसव के ही जन्म प्रमाण पत्र निर्गत कर दिये जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से लोगों में संशय की स्थिति उत्पन्न होने लगी है. आखिर जब जांच में […]
बौंसी : बौंसी रेफरल अस्पताल में पिछले महीने बिना प्रसव के ही जन्म प्रमाण पत्र निर्गत कर दिये जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से लोगों में संशय की स्थिति उत्पन्न होने लगी है. आखिर जब जांच में स्वास्थ्यकर्मी व आशा कार्यकर्ता दोषी पायी गयी, तो इतने दिनों के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई यह सवाल सभी पूछ रहे हैं. मालूम हो कि 31 मई 2017 को रेफरल अस्पताल के प्रसव पंजी में दोपहर 12 बज कर 15 मिनट पर रानी देवी, पति वरुण भगत नयागांव का प्रसव होने की बात दर्ज करायी गयी और उसे बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र भी निर्गत कर दिया गया.
जब इस मामले की जानकारी विभाग के अधिकारियों को हुई तो रेफरल प्रभारी द्वारा तीन सदस्सीय जांच कमेटी का गठन किया गया. टीम ने जांचोपरांत रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गयी थी. बावजूद आजतक कोई कारवाई नहीं हो पायी. जब इस मामले में सिविल सर्जन से पूछा गया तो सीएस ने बताया कि इस मामले में दोषी पायी गयी आशा कार्यकर्ता को चयन मुक्त करने का निर्देश दिया गया है, जबकि ए-ग्रेड नर्स पर विधि सम्मत कारवाई की जायेगी.
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