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कचरे की दुर्गंध से जीना हुआ मुहाल
कुव्यवस्था. गंदगी बनी बिराटपुर की पहचान रास्ते पर बहता है नालियों का पानी औरंगाबाद कार्यालय : नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 30 बिराटपुर के नाम से जाना जाता है. इस मुहल्ले में 70 प्रतिशत आबादी दलितों की है. इसमें मेस्तर टोली, दर्जी मुहल्ला, मल्लाह टोली और धरनीधर रोड के नाम से अलग-अलग मुहल्ले हैं. […]
कुव्यवस्था. गंदगी बनी बिराटपुर की पहचान
रास्ते पर बहता है नालियों का पानी
औरंगाबाद कार्यालय : नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 30 बिराटपुर के नाम से जाना जाता है. इस मुहल्ले में 70 प्रतिशत आबादी दलितों की है. इसमें मेस्तर टोली, दर्जी मुहल्ला, मल्लाह टोली और धरनीधर रोड के नाम से अलग-अलग मुहल्ले हैं. इनमें मेस्तर टोली और दर्जी मुहल्ला की स्थिति यह है कि हर तरफ गंदगी पसरी रहती है. नालियों का पानी आने-जानेवाले रास्तों से होकर बहता है.
कई जगहों पर तो कचरे का ढेर लगा हुआ है. कचरा का उठाव समय पर नहीं होने से लोगों में आक्रोश है. मुहल्ले के लोगों का कहना है कि नगर पर्षद द्वारा केवल कूड़ेदान रख दिया गया. कूड़ेदान से कूड़ा नहीं उठाने के कारण इससे दुर्गंध निकलती रहती है, जिससे आम लोगों को जीना मुश्किल हो जाता है.
कचरे का उठाव नहीं होने से बीमारी फैलने की आशंका : मुहल्लेवासियों ने बताया कि कूड़ेदान से कूड़ा नहीं उठाव होने के कारण यहां पर बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती हैं. इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय वार्ड पार्षद से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन कूड़े का उठाव नहीं हो पाता है. लोगों का यह भी कहना है कि नालियों की सफाई नहीं होने के कारण उससे निकलनेवाले गंदे पानी आने-जानेवाले रास्तों पर बहता है.
कई जगहों पर नालियांं टूट कर बिखरी हुई हैं. इसके भी समाधान के लिए लोगों ने नगर परिषद में लिखित शिकायत की थी. लेकिन, इस पर कोई अमल नहीं की जा सकी.
बीपीएल पेंशन के लाभ से वंचित हैं कई दलित परिवार : इस मुहल्ले में रह रहे दलित परिवार के लोगों की शिकायत है कि उन्हें बीपीएल परिवार को मिलनेवाले लाभ से वंचित रहना पड़ता है. अधिकांश लोगों का बीपीएल कार्ड नहीं बना है. वृद्धा पेंशन के लिए भी लोगों ने अपने वार्ड पार्षद से आग्रह किया, लेकिन लोग इस लाभ से वंचित हैं. मेस्तर टोली मुहल्ले में रहनेवाले लोगों की शिकायत है कि महादलित मुहल्ला होने के कारण इस मुहल्ले का अनदेखी की जाती है. यहां के रहनेवाले कई लोग दूसरे के घरों की सफाई करते हैं, लेकिन अपने घर के बाहर गंदगी पसरी रहती है. दर्जी मुहल्ला के लोगों का भी कहना है कि नगर पर्षद के सफाईकर्मी दिखाई नहीं देते हैैं. कभी-कभार माह में एक-दो बार अगर आते भी हैं, तो कुछ खास लोगों के लिए आते हैं, आम लोगों के लिए नहीं. इसको लेकर लोगों में नाराजगी भी है.
साफ-सफाई है मुहल्ले की सबसे बड़ी समस्या
मुहल्लावासी अंतू चौधरी ने बताया कि वार्ड नंबर 30 में सबसे बड़ी समस्या है, साफ-सफाई की. नगर पर्षद द्वारा इस मुहल्ले में सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. हर तरफ गंदगी पसरी रहती है. लोग इस समस्या से जूझते रहते हैं.
दूसरे मुहल्लों से लाना पड़ता है पानी
मुहल्लावासी सुधीर कुमार का कहना है कि वार्ड नंबर 30 में सबसे अधिक समस्या है, पीने के पानी की. मीठा पानी के लिए लोग शहर के अन्य भागों से बाल्टी और गैलन में पानी भर कर लाते हैं. पीने के पानी के लिए कोई व्यवस्था यहां पर नहीं की गयी है.
विकास कार्यों पर खर्च हुए " 2 करोड़ : वार्ड पार्षद
मुहल्ले के विकास के लिए दो करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. इसमें छठ घाट के समीप यात्री शेड लगाया गया है. पिछले काफी दिनों से सरकारी विद्यालय की जमीन की समस्या थी, इसे मेरे प्रयास से दूर किया गया है.
पीने के पानी के लिए हीरा बोरिंग दर्जी मुहल्ला और मेस्तर टोली में लगायी गयी है. काफी लोगों को बीपीएल कार्ड बनाया गया है. कुछ लोग वंचित हैं, उनका भी बीपीएल कार्ड के लिए प्रयास किया जा रहा है. साफ-सफाई के लिए भी मेरा प्रयास रहता है कि समय पर कूड़े का उठाव हो.
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