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धंधेबाज फोन पर ले रहे शराब का ऑर्डर, हो रही होम डिलिवरी
ढीला शिकंजा. देव के जंगली रास्तों से लायी जा रही झारखंड की शराब ढाई सौ से अधिक लोग जा चुके हैं जेल निगरानी के बावजूद हो रहा धंधा अगस्त महीने में ही 200 बोतल अंगरेजी शराब बरामद औरंगाबाद शहर : बिहार में एक अप्रैल से लागू पूर्ण शराबबंदी के बावजूद औरंगाबाद जिले में चोरी-छिपे शराब […]
ढीला शिकंजा. देव के जंगली रास्तों से लायी जा रही झारखंड की शराब
ढाई सौ से अधिक लोग जा चुके हैं जेल
निगरानी के बावजूद हो रहा धंधा
अगस्त महीने में ही 200 बोतल अंगरेजी शराब बरामद
औरंगाबाद शहर : बिहार में एक अप्रैल से लागू पूर्ण शराबबंदी के बावजूद औरंगाबाद जिले में चोरी-छिपे शराब बेचने व पीने-पिलाने का धंधा चल रहा है. पुलिसिया दबिश और उत्पाद विभाग की निगरानी के बावजूद शराब की बिक्री हो रही है.
झारखंड के बरही और सीमावर्ती उतरप्रदेश से शराब का धंधा चल रहा है. खासकर, औरंगाबाद शहर में शराब की सप्लाई रात के अंधेरे में हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फोन पर आर्डर लेकर शराब की होम डिलिवरी दी जा रही है.
इसमें बड़े-बड़े रईस एवं सफेदपोश भी शामिल हैं. उत्पाद विभाग और औरंगाबाद पुलिस शराब के कारोबारियों पर लगातार निगरानी रख रही है. प्रतिदिन जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से शराब के साथ कारोबारी व शराबी पकड़े जा रहे हैं. तीन महीने के भीतर ढाई सौ से अधिक शराबी व धंधेबाज जेल जा चुके हैं. उत्पाद विभाग के उत्पाद अधीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि पुलिस और उत्पाद विभाग द्वारा की गयी कार्रवाई में अप्रैल माह में उत्पाद पुलिस द्वारा 6, जिला पुलिस द्वारा 31 , मई माह में उत्पाद पुलिस द्वारा 30, जिला पुलिस द्वारा 59, जून माह में उत्पाद पुलिस द्वारा 21, जिला पुलिस द्वारा 60, जुलाई माह में उत्पाद पुलिस द्वारा 32 और जिला पुलिस द्वारा 57 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
इसके अलावे 144 लीटर अवैध देशी शराब, 194 लीटर विदेशी शराब, 63 लीटर चुलाई शराब, 20 किलो जावा महुआ और 246 किलो गांजा बरामद किया गया है. इस कार्रवाई में सासाराम, आरा, भभुआ, पटना और औरंगाबाद के कारोबारी या तस्कर पकड़े गये है. इधर, अगस्त महीने में ही, 20 लीटर से अधिक देशी शराब और लगभग 200 बोतल अंग्रेजी शराब के साथ एक दर्जन से ऊपर शराबी व धंधेबाज पकड़े गये हैं.
औरंगाबाद में शराब का अधिक कारोबार झारखंड से हो रहा है. औरंगाबाद-डाल्टेनगंज रोड में पुलिस चौकसी के बाद अब शराब के कारोबारी बरही के रास्ते या देव के जंगली इलाके के रास्ते औरंगाबाद में शराब ला रहे हैं. वैसे झारखंड के सीमावर्ती गांवों से शराब का कारोबार अधिक हो रहा है.
सूत्र बताते हैं कि सीमावर्ती गांव के ग्रामीण चंद पैसे पर खेतों व पगडंडियों के सहारे औरंगाबाद में तय जगहों पर शराब पहुंचाते है. 120 रुपये मूल्य वाले क्वार्टर शराब की कीमत 250 से 300 रुपये, हाफ शराब की बोतल की कीमत 600 रुपये और फुल की कीमत 1200-1500 रुपये तक लगायी जा रही है. चार दिन पूर्व सिन्हा कॉलेज रोड में शराब के 8 बोतल के साथ एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिन्हा कॉलेज रोड, ब्लॉक कालोनी, नागा बिगहा, यमुना नगर, टिकरी मुहल्ला सहित कुछ अन्य मुहल्लों में शराब का धंधा चल रहा है.
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