औरंगाबाद (सदर) : ठंड के मौसम में कोहरे का होना लाजमी है, लेकिन ये कोहरा कभी-कभी गहरे रूप में सामने होता है. ऐसी स्थिति भी होती है कि रात तो रात सुबह के 10 व 12 बजे तक भी कोहरे की चपेट में लोगों की दिनचर्या प्रभावित रहती है. घने कोहरे के प्रभाव से सबसे ज्यादा यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है.
सड़कों पर गाड़ियों के परिचालन में कोहरे के सामने आने पर उनकी गति पर ब्रेक लग रहा है. चारों ओर सिर्फ धुंधला नजारा यातायात में परेशानी का सबक तो बनते ही है, साथ ही दुर्घटना का कारण भी. जब हम घने कोहरे में सड़क पर होते हैं तो ऐसे में सड़क सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है. सड़क सुरक्षा उपाय से दुर्घटना पर रोकथाम संभव है. अगर सड़क सुरक्षा के उपाय का प्रयोग सही तरीके से किया जाये तो घने कोहरे में भी यातायात के दौरान दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है.
सड़क किनारे हादसे, चोट व मृत्यु को टालने के लिए बहुत महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है, सड़क पर लोगों की सुरक्षा. सड़क पर चलनेवाले सभी लोगों को चाहिए कि वो एक दूसरे का सम्मान व सुरक्षा करें. साथ ही सड़क सुरक्षा के लिए आम लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. इसके लिए परिवहन विभाग को आगे आने की जरूरत है. परिवहन विभाग द्वारा यातायात नियमों व सुरक्षा नियमों के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध करानी होगी, जिससे लोग जीवन में एक सुरक्षात्मक व्यवहार अपना सके.
जिन नियमों का हो पालन : सड़क पर चलनेवाले सभी को अपनी बांयी ओर चलना चाहिए और दूसरी ओर से आ रहे वाहन को सुविधा पूर्वक क्रॉस करने के लिए जगह देना चाहिए. कोहरे में गाड़ी की गति धीमी रखनी चाहिए तथा गाड़ी को घुमाते वक्त भी उसकी गति धीमी होनी चाहिए.
व्यस्त सड़कों पर चलते वक्त दो पहिया वाहन अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट का प्रयोग करें. इससे ठंड व दुर्घटना दोनों से बचा जा सकता है. कोहरे में गाड़ी की हेडलाइट जला कर चले. सड़क किनारे गाड़ी को पार्क करते समय इंडिकेटर व गाड़ी को खड़ी करने के बाद पार्किंग लाइट जला कर रखना चाहिए. गाड़ी की गति निर्धारित सीमा तक ही रखे. खासतौर से स्कूल, अस्पताल, कॉलनी आदि क्षेत्रों में.
जागरूकता भी है जरूरी : आम लोगों के बीच जागरूकता उत्पन्न करने के लिए कई तरीके हैं.जैसे सेमिनार, कार्यशाला, बच्चों व विद्यार्थियों के बीच मूल सड़क सुरक्षा पाठ, रूको, देखो, सूनो व सोचो फिर पार करो अर्थात ट्रैफिक चिह्नों को बताना, यातायात लाइटों की जानकारी, वाहन के बारे में मूल जानकारी, मौसम व सड़क के हालात के अनुसार रक्षात्मक परिचालन, वाहन लाइट व हॉर्न का प्रयोग, सीट बेल्ट पहनना, टीवी पर डॉक्यूमेंटरी द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का प्रसारण आदि जरूरी है.