देव में लाखों श्रद्धालु देंगे अर्धमेला मैदान में पहुंचे व्यवसायी व खेल-तमाशावाले देव (औरंगाबाद)देव में रविवार को ‘नहाय खाय’ के साथ चार दिवसीय कार्तिक छठ व्रत का अनुष्ठान आरंभ हो जायेगा. छठ महापर्व करने वाले श्रद्धालु नदियों, सरोवरों में स्नान कर महापर्व का अनुष्ठान करेंगे. सूर्य नगरी देव में छठ व्रत करने वाले लोगों का आना शुरू हो गया है. अभी छठ व्रतियों की संख्या अधिक नहीं है, लेकिन नहाय खाय के दिन हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. छठ को देखते हुए देव शहर की साफ-सफाई के साथ-साथ पवित्र सूर्य कुंड तालाब की साफ-सफाई भी कर दी गयी है. चार दिवसीय छठ मेला में व्यवसायियों ने भी अपनी-अपनी दुकानें सजानी शुरू कर दी है. मेला मैदान में दुकानदार अपनी जगह को सुरक्षित कर चुके हैं. खेल-तमाशा दिखाने वाले कलाकार भी पहुंचने लगे हैं. रविवार को नहाय -खाय के साथ छठ महापर्व प्रारंभ होगा. अगले दिन सोमवार को खरना, मंगलवार की शाम पहला अर्घ व बुधवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ देते ही छठ महापर्व संपन्न हो जायेगा. मुसलिम परिवार भी करते हैं सहयोग : हिंदू-मुसलिम कौमी एकता का परिचय देव वासी हमेशा देते आये हैं. एक-दूसरे के सहयोग करना तो दोनों समुदायों की यहां आदत बन गयी है. इस महापर्व में मुसलिम परिवार हमेशा सहयोगी रहे हैं. होली हो या दीपावली या मुहर्रम के दौरान भी दोनों में एकता दिखी है. अभी इस महापर्व में हिंदू-मुसलिम एकता की झलक दिखाई शुरू हो गयी है. देव में कोई मुसलिम युवक छठ व्रत के लिए सूप दउरा व फल बेचते नजर आ रहा है तो कोई महाप्रसाद बनाने के लिए चूल्हे का निर्माण कर रहा है. दीपावली के बाद से ही मुसलिम परिवार के लोग अपने घरों की सफाई इस ढंग से पवित्र होकर करती है कि उनके घरों में ठहरने वाले छठ व्रतियों को उनके विधि विधान से पूजा करने में कोई तकलीफ न हो. घर की मुसलिम महिलाएं पूजा पाठ में मदद करती है, तो बाहर में उनके पुरुष भी हर पल व्रती व श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर दिखाई देते हैं. यहां के स्थानीय गुलाम गौस, सकीना खातून, सेराज रंगसाज, मोहम्मद अनवर, कासिम ने बताया कि पिछले कई वर्षों से छठ व्रतियों की सेवा में वे तत्पर रहे हैं और उन्हें कम कीमत पर समान उपलब्ध कराते हैं.बैरिकेडिंग नहीं होने से दिख रहा खतरासूर्य तीर्थ स्थली देव में चार दिवसीय छठ व्रत को लेकर जिला प्रशासन व न्यास समिति ने कमर कस ली है. जिलाधिकारी अपने पदाधिकारियों के साथ लगातार देव की व्यवस्था में लगे हुए हैं. पवित्र सूर्य कुंड तालाब भी अब छठव्रतियों के इंतजार में पलके बिछायी हुई है. लेकिन इस तालाब के पानी में बैरिकेडिंग नहीं किया गया है, जिस कारण खतरा की संभावना दिख रही है. पहले भी सूर्य कुंड तालाब में डूबने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. पूर्व में तालाब के चारों ओर मोटा रस्सी या जंजीर से बैरिकेडिंग किया जाता रहा है व तालाब में जगह-जगह पोस्टर लगा कर भी गहरे पानी में नहीं जाने के लिए जिला प्रशासन संदेश देती है. लेकिन अभी तक इस तरह के कदम नहीं उठाये गये हैं. ऐसे में सूर्य कुंड तालाब पर खतरे की संभावना दिख रही है. गौरतलब है कि भगवान भास्कर का यह त्रेतायुगीन मंदिर सदियों से लोगों को मनोवांछित फल देने वाला पवित्र धर्म स्थल रहा है. यूं तो सालों भर देश के विभिन्न जगहों से लोग यहां आकर मनौतियां मांगने और सूर्य देव द्वारा उनकी पूर्ति होने पर अर्घ देने आते हैं. बावजूद लोगों में विश्वास है कि चैती व कार्तिक छठ व्रत के पुनीत अवसर पर सूर्य देव की साक्षात उपस्थिति की रोमांचक अनुभूति होती है. देव में लगने वाले छठ मेले में कोई जाति, उपजाति ,धर्म, मजहब व शास्त्रीय कर्मकांड का बंधन नहीं रहता है. सभी अपनी सामर्थ्य की पूजा-अर्चना में मशगूल रहते हैं. किसी का किसी से द्वेष नहीं, बल्कि सामर्थ्य भर सभी एक-दूसरे को मदद करने को आतुर दिखते हैं.
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देव में लाखों श्रद्धालु देंगे अर्ध
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