छठ पर्व को लेकर सूर्यनगरी में बुक होने लगे कमरे 1500 से 9000 लग रहा किराया (फोटो नंबर-100,101)कैप्शन- देव का सूर्यमंदिर, सूर्यकुंड तालाब औरंगाबाद (ग्रामीण)सूर्य नगरी देव में कार्तिक छठ पर्व को लेकर हलचल प्रारंभ हो गयी है. इस बार 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के देव में पहुंचने की संभावना है. ऐसे में इतने ज्यादा लोग रहेंगे कहा, यह भी एक चिंता का कारण है. 15 नवंबर से छठ मेला प्रारंभ हो रहा है. 17 व 18 नवंबर को छठ व्रति भगवान सूर्य को अर्घ दान करेंगे. देव में रूक कर छठ व्रत करने वाले लोग किराये के मकान की तलाश में अभी से ही लग गये हैं. सच कहा जाये तो मकान की बुकिंग पहले से ही प्रारंभ है. पता चला है कि एरिया व मकानों के अनुसार किराये का भुगतान छठव्रतियों को करना पड़ेगा. सूर्य कुंड तालाब के समीप एक कमरे का किराया 7000 से नौ हजार रुपये, मुख्य बाजार में तीन हजार से 3500, मंदिर के समीप पांच हजार से सात हजार के करीब, देव गोदाम,बहुआर मोड़ के समीप दो से तीन हजार रुपये तक मकान का किराया तय किया गया है. यह किराया मकान मालिकों ने अपने तरफ से ही तय किया है. वैसे इन मकानों में कम ही लोग ठहर पायेंगे, यानी कुल संख्या के दो प्रतिशत लोग ही किराये के मकान का उपयोग कर पायेंगे. दानापुर से पहुंचे अरविंद कुमार गुप्ता, मोहन प्रसाद ने बताया कि छठ व्रत में दो दिनों के लिए छह हजार रुपये में दो कमरे बुक कराये हैं वह भी मंदिर के समीप. परिजनों का भखौटी है इसलिये इस बार देव से ही छठ व्रत करने की ठानी है. खुला आसमान ही लाखों का बनेगा आशियानादेव में छठव्रत करने के लिए दूर-दूर से पहुचनेवाले लोगों का खुला आसमान ही ठहरने का आशियाना बनेगा. पुरानी तालाब, रानी तालाब, देव गोदाम, ब्लॉक मोड़, बहुआरा गांव, कुम्हार बिगहा, आनंदपुरा, भवानीपुर के इलाके में लाखों छठ व्रती ठहर सकेंगे. पहले भी यही देखा गया है. वैसे जो लोग ट्रैक्टर से पहुचेंगे उनके लिए ठहरने का साधन वही ट्रैक्टर बनेगा. धर्मशाला की कमी से छठव्रती होंगे परेशानसूर्य नगरी देव में वर्ष में दो बार छठ महापर्व में लाखों श्रद्धालु अर्घदान करने व दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं. लेकिन उन्हें ठहरने की चिंता हमेशा सताती है. इसके पीछे व्यवस्था का अभाव माना जाता है. देव में ठहरने के लिए होटल नहीं है और धर्मशाला है तो पर्याप्त जगह नहीं है. सूर्य नगरी में तीन धर्मशाला का निर्माण कराया गया था, ताकि श्रद्धालुओं व छठव्रतियों को ठहराया जा सके, लेकिन एक धर्मशाला में सीआरपीएफ का कब्जा है. बाकी जो दो धर्मशाला है उसमें 25 कमरे हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं को परेशानी होना लाजमी है. पहले मेला मैदान में प्रशासन द्वारा टेंट लगाकर श्रद्धालुओं को ठहरने की व्यवस्था की गयी थी, इस बार क्या होता है इसकी सूचना नहीं है. सूर्य नगरी देव में छठव्रत करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं. सबसे अधिक संख्या स्थानीय की होती है. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ, झारखंड, मध्य प्रदेश के लोग काफी संख्या में आते हैं.सैकड़ों लोग वाहन से भी जाते है देव औरंगाबाद शहर व देव के नजदीक गांव के लोग देव में ठहरने के बजाय अपने वाहनों से अर्घदान करने पहुंचते हैं और फिर लौट जाते हैं. औरंगाबाद शहर के उदय कुमार ने बताया कि 17 व 18 को अर्घदान किया जायेगा. अर्घदान के समय से दो घंटे पहले देव के लिए प्रस्थान करेंगे और फिर लौट जायेंगे. शहर से सैकड़ों लोग अपने वाहन से देव जाते हैं.
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छठ पर्व को लेकर सूर्यनगरी में बुक होने लगे कमरे
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