साहित्यकार सम्मान के होते हैं भूखे हसपुरा (औरंगााबाद) जलेश के जिला सचिव व साहित्यकार प्रो अलखदेव प्रसाद अचल समेत कई लोगों ने साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यकारों को दिये गये पुरस्कारों को लौटाने को उचित ठहराया है. प्रो अचल ने कहा है कि साहित्यकार सम्मान के भूखे होते है न कि पैसे का. भाजपा की सरकार में सहित्यकारों का हाथ काट लेने और जान से मार देने की धमकियां दी जा रही है. प्रो अचल ने कहा कि ऐसी घटनाओं के विरोध में जल्द ही काली पट्टी लगा कर सड़क पर मौन जुलूस निकाला जायेगा. प्राचार्य प्रो योगेंद्र उपाध्याय, शंभु शरण सत्यार्थी, विजय सिंह सैनी, अरविंद कुमार वर्मा, राजेश विचारक, कामख्या नारायण सिंह समेत कई लोगों ने भी साहित्यकार का विरोध करने वाले लोगों को राजनीति से प्रेरित बताया है.
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साहत्यिकार सम्मान के होते हैं भूखे
साहित्यकार सम्मान के होते हैं भूखे हसपुरा (औरंगााबाद) जलेश के जिला सचिव व साहित्यकार प्रो अलखदेव प्रसाद अचल समेत कई लोगों ने साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यकारों को दिये गये पुरस्कारों को लौटाने को उचित ठहराया है. प्रो अचल ने कहा है कि साहित्यकार सम्मान के भूखे होते है न कि पैसे का. भाजपा की सरकार […]
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