औरंगाबाद (सदर) : समाहरणालय के सभा कक्ष में सोमवार को सिंचाई विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई. इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 15 जून तक नहर के सभी कमजोर बिंदु की मरम्मती संबंधित अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता सुनिश्चित करायेंगे.
यदि खरीफ मौसम में नहर टूटेगी, तो संबंधित अभियंता पर व्यक्तिगत जिम्मेवारी तय कर उन पर कार्रवाई की जायेगी. डीएम अभय कुमार सिंह द्वारा आयोजित सिंचाई विभाग के समीक्षात्मक बैठक में सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने उत्तर कोयल नहर, सोन उच्च स्तरीय नहर एवं पटना मेन कैनाल के एक-एक आरडी की विस्तृत समीक्षा की और अभियंताओं को आवश्यक निर्देश दिये.
डीएम ने सभी अभियंताओं को निर्देश दिया कि नहरों का जीर्णोद्धार कार्य तीव्र गति से पूरा किया जाये और जितने भी अवैध आउटलेट है उसे हटाते हुए डिजाइन के अनुरूप नहर का जीर्णोद्धार कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से सुनिश्चित की जाये.
टेंडर व काम की हुई समीक्षा
डीएम ने सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों के साथ प्रत्येक सिंचाई प्रमंडल द्वारा नहर जीर्णोद्धार कार्य में अभी तक किये गये टेंडर व कराये जा रहे कार्यो की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जहां भी नहर का काम किया जा रहा वहां पर्याप्त ड्रेसिंग नहीं हो पा रहा है. इससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. उपस्थित सभी विधायकों ने भी कहा कि जहां गुणवत्ता प्रभावित होगी वहां के संबंधित अभियंता के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी.
बैठक में ये रहे उपस्थित
बैठक में सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह, गोह के विधायक डॉ रणविजय सिंह, नवीनगर के विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह, रफीगंज के अशोक सिंह, कुटुंबा विधायक ललन राम, जदयू के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, सांसद प्रतिनिधि अश्विनी सिंह सहित सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता व कनीय अभियंता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.