पैसों की कमी के कारण सुमित को छोड़ना पड़ा था स्कूल, अब युवाओं को दिखा रहे नयी राह
मदनपुर (औरंगाबाद) : औरंगाबाद के नक्सलग्रस्त प्रखंड मदनपुर के महुआवा चट्टी के सुमित की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो यह समझते हैं कि बिना खास डिग्री और बिना पैसे कामयाबी नहीं मिलती. सुमित ने 18 साल की उम्र में वेबगैक्स नामक कंपनी बनायी. उसकी कंपनी दो साल होते-होते दिल्ली में स्थापित भी हो गयी. यह कंपनी रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर बड़े प्रोजेक्ट पर काम भी कर रही है.
बड़ी बात यह है कि सुमित की कंपनी गूगल में पिछले डेढ़ साल से रैंक वन ट्रेंड कर रही है. कई बड़ी कंपनियों की रिसर्च पार्टनर भी है. वेबगैक्स वाइल्ड लाइफ, मौसम, डिफेंस और स्पोर्ट्स पर रिसर्च एंड डेवलपमेंट का काम करती है. इसने हाल के दिनों में 45 नयी तकनीकों को इजाद किया है. समुत को पैसों की तंगी के कारण स्कूल छोड़नी पड़ी थी़ दिल्ली में रहने के लिए किराया भी देना मुश्किल था. कई महीनों तक लंगर में खाना कर सॉफ्टवेयर बनाने का काम शुरू किया.
जीवन में आकर्षण के सिद्धांत का योगदान
सुमित कहते हैं कि मेरे जीवन में आकर्षण के सिद्धांत का बड़ा योगदान है. मैंने 14 नवंबर 2017 को यह दृढ़ता से माना कि मैं खुद की कंपनी चला रहा हूं. 22 नवंबर 2017 को मुझे 65 हजार की प्रोजेक्ट के लिए 20 हजार अग्रिम मिले. एक दिसंबर, 2017 को एक छोटा कार्यालय किराये पर लिया और एक डेवलपर रखकर काम आगे बढ़ाने लगा. अभी दिल्ली में रहकर सुमित न्यू जनरेशन के रोबोट्स पर काम कर रहे हैं