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डाक्टरों की कमी से हो रही परेशानी

बैठक . सांसद ने दिशा की बैठक में की स्वास्थ्य व शिक्षा योजना की समीक्षा डीअारडीए के सभा भवन में दिशा की बैठक हुई. बैठक में सांसद ने योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही परेशानी को दूर करने का निर्देश दिया. अररिया : जिले में नियमित टीकारण व कालाजार उन्मूलन में संतोषजनक प्रगति हुई है, […]

बैठक . सांसद ने दिशा की बैठक में की स्वास्थ्य व शिक्षा योजना की समीक्षा

डीअारडीए के सभा भवन में दिशा की बैठक हुई. बैठक में सांसद ने योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही परेशानी को दूर करने का निर्देश दिया.
अररिया : जिले में नियमित टीकारण व कालाजार उन्मूलन में संतोषजनक प्रगति हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को जमीन पर उतारने की राह में सबसे बड़ी रुकावट डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है. ऐसी जानकारी शुक्रवार को सांसद मो तसलीमुद्दीन की अध्यक्षता में हुई दिशा की बैठक के दौरान मिली. डीआरडीए सभा भवन में हुई बैठक में दी गयी रिपोर्ट के मुताबिक जिले में डाक्टरों के अलावा नर्सों व आशा कार्यकर्ताओं की संख्या भी आवश्यकता से बहुत कम है. बताया गया कि दो तिहाई डाक्टरों के पद रिक्त हैं.
181 सृजित पदों के विरुद्ध केवल 61 डाक्टर पोस्टेड हैं. नर्सों के 118 पद रिक्त हैं. इसी प्रकार आशा कार्यकर्ताओं के 322 पद भी रिक्त हैं. आधारभूत संरचना का भी घोर अभाव है. अधिकांश स्वास्थ्य उप केंद्र भवनहीन हैं. बताया गया कि 111 एचएससी भवनहीन हैं. एनएचएम के तहत 225 नये उप स्वास्थ्य केंद्र सृजित हुए हैं. पर 210 अब भी भवनहीन हैं. इसी प्रकार नव सृजित 41 एपीएचसी भवनहीन हैं.
उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया गया कि मानव संसाधान की कमियों के बावजूद कुछ क्षेत्रों में बेहतर काम हो रहा है. 68 हजार गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गयी है. वहीं डीएम हिमांशु शर्मा ने बताया कि संपूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत 60 से बढ़कर 75 हो गया है. कालाजार के नये केस में भी कमी आयी है. पिछले साल कालाजार के 420 रोगी मिले थे. पर इस साल केवल 280 केस पाये गये हैं.
डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं पर वे विशेष ध्यान दे रहे हैं. नियमित रूप से मॉनीटरिंग करते हैं. स्वास्थ्य केंद्रों की जांच भी हो रही है. जन प्रतिनिधियों को भी आवश्यक सहयोग देना होगा. जन भागीदारी जरूरी है, ताकि कमियों की जानकारी उन्हें मिलती रहे. सीएस ने बताया कि डाक्टारों की ड्यूटी की मॉनीटरिंग राज्य स्तर से भी हो रही है. विभागीय सख्ती के कारण ही चार डाक्टर त्याग पत्र दे कर जा चुके हैं, जबकि राज्य से जिले के 28 डाक्टरों से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश मिला है.इस अवसर पर विधायक सरफराज आलम ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध संसाधन की ही बेहतर इस्तेमाल करते हुए उपलब्धि हासिल करें. ताकि लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके. बैठक में विधायक मंचन केसरी व अचमित ऋषिदेव के अलावा डीआरडीए निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के डीपीओ, एसीएमओ व अन्य अधिकारियों के अलावा अखिलेश कुमार, कलानंद बिराजी, पोलो झा, शमशाद आलम, गणेश अग्रवाल आदि मौजूद थे.
बकरी व मुर्गीपालन की बेहतर संभावना
शुक्रवार व शनिवार को हुई दिशा की बैठक में सांसद मो तसलीमुद्दीन ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि व पशुपालन सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की. इसी क्रम में ये जानकारी मिली की जिले में बकरी पालन की बेहतर संभावना है. पशुपालन विभाग द्वारा समेकित बकरी पालन योजना के तहत बैंकों के माध्यम से दो लाख का ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है. इस पर 50 प्रतिशत अनुदान है. बैठक में विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए जिला पशु पालन पदाधिकारी डा फिरोज आलम ने बताया कि योजना के तहत प्रति इकाई 20 बकरी व एक बकरा पालना है. फिलहाल जिले के लिए कुल 10 इकाईयां स्वीकृत हुई हैं. समेकित मुर्गी ग्राम योजना के बाबत उन्होंने बताया कि अंडे देने वाली मुर्गी पालन की योजना की लागत 85 लाख है. प्रति इकाई 10 हजार मुर्गियां पालनी हैं. अनुदान 50 प्रतिशत है.

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