हम पर भी तरस खाइये सीएम साहब!
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कभी भी छूट सकती है झुलसी महिला की सांस
हम पर भी तरस खाइये सीएम साहब! फारबिसगंज : हमलोगों पर भी तरस खाइये सीएम साहब! हमलोग घुमंतू जरूर हैं लेकिन इसी बिहार के नागरिक हैं साहब. किसी तरह मांग कर अपना भरण-पोषण तो कर लेते हैं लेकिन पत्नी के इलाज के लिए इतनी बड़ी राशि नहीं है साहब. कुछ इस अंदाज में रोते हुए […]
फारबिसगंज : हमलोगों पर भी तरस खाइये सीएम साहब! हमलोग घुमंतू जरूर हैं लेकिन इसी बिहार के नागरिक हैं साहब. किसी तरह मांग कर अपना भरण-पोषण तो कर लेते हैं लेकिन पत्नी के इलाज के लिए इतनी बड़ी राशि नहीं है साहब. कुछ इस अंदाज में रोते हुए अपनी व्यथा सुनाते नजर आये बथनाहा में रह रहे खानाबदोश वृद्ध महिला के पति तपेश्वर राठौर.
जानकारी अनुसार फारबिसगंज के बथनाहा में रह रहे खानाबदोश वृद्ध महिला के शरीर पर बीते शनिवार को हाई टेंशन तार गिर जाने के गंभीर रूप से झुलस गयी थी. उसका एक पैर भी कट गया, जिसे फारबिसगंज अस्पताल ले जाने के उपरांत पूर्णिया के लिए रेफर कर दिया. वहां से कटिहार रेफर कर दिया गया. लेकिन मोटी रकम खर्च की बात सुन कर उसे पुन: बथनाहा स्थित अपने तंबू में ले आया गया. जहां वह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है.
इस मामले में अपने आप वुमेन वर्ल्ड के मोहम्मद कलाम कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति इनकी समस्या को लेकर आगे नहीं बढ़ता, लेकिन आज इस बात को लेकर मुखिया सहित सारे बथनाहा वासी एक होकर इनकी समस्या को लेकर प्रयासरत हैं जो अच्छी पहल है. जानकारी अनुसार खानाबदोश समुदाय की गिनती देश की जनगणना में की जाती है लेकिन इसके बावजूद ये लोग मूलभूत सुविधा से वंचित रहते हैं. ये लोग पिछले कई वर्षों से बिहार के अलग-अलग जिलों में घूम कर पांच साल से स्थायी तौर पर बथनाहा में रह कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
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