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खरना संपन्न, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आज

खरना संपन्न, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आज फोटो 16 केएसएन 16]17खरना करती महिला व्रति व अन्य. प्रतिनिधि किशनगंज चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन सोमवार को छठव्रतियों ने खरना किया. मंगलवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित किया जायेगा. सोमवार को अपराह्न पांच बजे छठ व्रती अपने-अपने घरों में […]

खरना संपन्न, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आज फोटो 16 केएसएन 16]17खरना करती महिला व्रति व अन्य. प्रतिनिधि किशनगंज चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन सोमवार को छठव्रतियों ने खरना किया. मंगलवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित किया जायेगा. सोमवार को अपराह्न पांच बजे छठ व्रती अपने-अपने घरों में खरना प्रसाद बनाना शुरू कर दी, जो शाम तक जारी रहा. छठव्रतियों ने मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से रोटी और खीर बनाकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की. उसके बाद प्रसाद ग्रहण किया. व्रतियों को प्रसाद खाने के बाद परिवार के अन्य लोगों ने उसे ग्रहण किया. फिर क्या था शुरू हो गया प्रसाद खाने व खिलाने का सिलसिला, जो देर रात तक जारी रहा. खरना छठ पर्व से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. छठी मइया को सपर्पित यह अनुष्ठान संध्या वाले अर्घ्य से एक दिन पहले होता है. इसमें छठी मइया को गुड व दूध से बनी खीर, पूड़ी, केला व मिठाई का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. खास बात यह है कि इस अनुष्ठान में व्रती अकेली भाग लेती है. यह पूजा बुधवार की सुबह उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद संपन्न हो जायेगा.गंगा-जमुनी तहजीब अनूठा मिसालछठ के मौके पर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल अगर देखनी है तो किशनगंज सबसे मुफीद जिला साबित हो सकती है. यहां दर्जनों परिवार छठ व्रत को पूरे मनोयोग और श्रद्धाभाव से करते हैं. समाजसेवी धनंजय जायसवाल ने बताते है कि शहर के सौ से अधिक परिवार ऐसे है जो व्रत नहीं करते है. लेकिन छठी मइया से मांगी गयी मन्नत पूरा होने पर वे अपना सूप अर्घ्य के लिए ऐसे परिवारों को देते हैं, जो छठ व्रत करते हैं.भगवान हो या खुदा सबका करते हैं भला शकील अख्तर राही कहते हैं कि खुदा की इबादत से या फिर भगवान की प्रार्थना से अगर किसी की भलाई हो तो इसमें कोई हर्ज नहीं है. उन्होंने कहा कि कदम रसूल मजार में मुसलिम से ज्यादा हिंदू पहुंचते हैं. वास्तव में यह व्रत मूलत: लोक व्रत है, अत: इससे संबंधित अनेक लोक गीत हैं.

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