आज ये मुहल्ले कचरों ढेर में तब्दील होते जा रहे हैं. कुछ एक जगहों पर नालों का निर्माण भी हुआ. जो पर्याप्त देख-रेख व नप प्रशासन की अदूरदर्शिता की वजह से साल भर जाम पड़ा रहता है. इन नालों का मुख्य नालों से संपर्क का न होना इसकी पीछे की वजह बताया जाता है. ऐसे में नप क्षेत्र के कुछ नाले तो अब अपना वजूद खोने लगे हैं. तो कुछ एक जगहों पर जाम नालों का पानी सड़कों पर फैलने से कीचड़ व दरुगध की स्थिति ने नप वासियों का जीना मुहाल कर रखा है. शहर के जाम नाले हल्की बारिश में भी अनेक वार्डो में ऐसी नारकीय स्थिति पैदा करती है. इससे लोगों का घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो जाता है. इस स्थितियों से निबटने में नप प्रशासन की चुप्पी हमेशा बनी रहती है. हर साल नप को हजारों रुपये टैक्स के रूप में अदा करने के बाद भी नप वासी इन दिक्कत व परेशानी के आगे खुद को असहाय व लाचार महसूस करने लगे हैं.
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हाल नगर परिषद क्षेत्र का: जल निकासी व कचरा की सफाई नहीं होने से परेशानी
अररिया: जनसंख्या वृद्धि के लिहाज से शहरी विकास की अवधारणा नगर परिषद में कहीं पीछे छूटता जा रहा है. बीते दस सालों में शहरी जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि के बावजूद यहां नागरिक सुविधाओं का पर्याप्त विकास नहीं हो पाया है. कई नये मुहल्ले जरूर बसे हैं. इन बस्तियों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए […]
अररिया: जनसंख्या वृद्धि के लिहाज से शहरी विकास की अवधारणा नगर परिषद में कहीं पीछे छूटता जा रहा है. बीते दस सालों में शहरी जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि के बावजूद यहां नागरिक सुविधाओं का पर्याप्त विकास नहीं हो पाया है. कई नये मुहल्ले जरूर बसे हैं. इन बस्तियों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए संपर्क पथों का निर्माण भी तेजी से हुआ, लेकिन जल निकासी व कचरा के सफाई के लिए किसी ठोस योजना की शुरुआत नहीं हो पायी है.
जजर्र हैं कई नाले
नप क्षेत्र में बने अधिकांश नाले जजर्र स्थिति में हैं. नालों का ढक्कन जगह जगह टूट चुका है. आश्रम चौक को काली बाजार से जोड़ने वाली सहारा सड़क के किनारे बना नाला हो या फिर महिला कॉलेज से नवरत्न चौक जाने वाली सड़क के किनारे बना नाला कई जगहों पर टूट चुके हैं. नालों से पानी का बहाव बिल्कुल अवरुद्ध है. वार्ड 14 के अशोक कुमार बताते हैं कि नालों का निर्माण हुए अभी चार साल भी नहीं बीते लेकिन नालों का अस्तित्व भी खत्म होने लगा है. वार्ड 15 के हरी लाल यादव नालों के निर्माण में बरती गयी अनियमितता का मामला उठाते हैं. यादव ने कहा कि टूटे नाले महज दिखावा मात्र है. इस वजह से लोग आय दिन यात्रियों के दुर्घटनाग्रस्त होने की बात वे बताते हैं.
कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
इस मामले में नगर परिषद अररिया के कार्यपालक पदाधिकारी निरंजन शर्मा ने बताया कि नालों के निर्माण व बने हुए नालों की उड़ाही के लिए विस्तृत योजना बनायी गयी है. इसके लिए डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया जारी है. जल्दी ही शहर वासियों को इससे निजात मिल जायेगा.
पनप रहे हैं मच्छर, फैल रही बीमारी
शहर के जाम नाले लोगों के सामने स्वास्थ्य संबंधी कई चुनौतियां पेश करने लगा है. वार्ड संख्या 21 के राकेश कुमार व मो मोशीन जाम नाले में पनपने वाले मच्छर से परेशान हैं. उनकी मानें तो मुहल्ले के लोग नाले से निकलने वाले बदबू व मच्छरों की वजह से बीमार हो रहे हैं. वार्ड के धर्मराज शर्मा कहते हैं कि नालों से निकलने वाली बदबू लोगों के घरों तक पहुंचने लगी है. इससे सड़क के किनारे बसे लोगों को हो रही दिक्कतों की बात बताते हैं.
सफाई नहीं हुई, तो नाले को किया बंद
वार्ड 17 स्थित संकट मोचन स्थान के समीप बना नाला अब अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. मारवाड़ी पट्टी को मुख्य बाजार से जोड़ने वाले इस पथ पर बना नाला कचरों के गाद से भर चुका है. वजह बताते हुए मंदिर के संरक्षक उपेंद्र नाथ ओझा ने कहा कि नाले की सफाई नहीं होती थी. नाला का पानी मंदिर के आगे जमा के साथ कचरा सड़कों पर पसर जाता था. गंदगी और कचरों की ढेर से आने वाली दरुगध से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को तो परेशानी होती ही थी. साथ में सड़क पर चलना भी मुश्किल हो जाता था.
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