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अररिया वासियों को कब मिलेगी घोटालेबाजों से मुक्ति

।। जितेंद्र/ बेदी ।। अररिया : गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाने वाले अररिया को लूट-खसोट मचाने वालों ने दागदार बना दिया है. लोगों के हक को छीन कर मालामाल होने वालों में उनके भी नाम शामिल हैं, जिसके कंधों पर सरकार के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जिलावासियों को पहुंचाने का दायित्व सरकार ने दे […]

।। जितेंद्र/ बेदी ।।
अररिया : गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाने वाले अररिया को लूट-खसोट मचाने वालों ने दागदार बना दिया है. लोगों के हक को छीन कर मालामाल होने वालों में उनके भी नाम शामिल हैं, जिसके कंधों पर सरकार के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जिलावासियों को पहुंचाने का दायित्व सरकार ने दे रखा है.

* लंबी है सूची
इंदिरा आवास घोटाला, मनरेगा में फर्जी निकासी, योजनाओं में लूट, जाली दस्तावेज के सहारे सरकारी राशि का गबन, कृषि यंत्रों का फर्जीवाड़ा. इन घोटालों का अंतहीन सिलसिला आज भी चर्चा में है. हाल के दिनों में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मुकेश कुमार के घर पर आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की गयी छापामारी में गलत तरीके से करोड़ों की संपत्ति अजिर्त करने का मामला उजागर हुआ.

एक ओर जहां वे पिछले 10 वर्षो से विभिन्न विभागों में पदस्थापित रह कर जिले को लूटते रहे. वहीं जिन्हें इस प्रकार के मामलों की निगेहवानी का दायित्व सौंप गया है. वे भी इससे अनभिज्ञ रहे. हालांकि आलोचनाओं की शिकार होती रहती प्रशासनिक व्यवस्था ने उन पर शिकंजा कस कर लोगों में विश्वास जगाया कि कानून का शासन है.

कानून से ऊपर कोई नहीं है. फिर भी घोटाले बाजों ने दोनों हाथों से जिले को लूटा. डेहटी पैक्स घोटाला की आग ने तो हजारों-हजार गरीबों के अरमानों को जला डाला. इस बाबत सिर्फ पलासी थाना में आधा दर्जन से अधिक कांड अंकित है. इन मामलों में कलक्टर से लेकर जनप्रतिनिधि व समाज में बिचौलियागिरी करने वाले लोग सहित बैंककर्मी भी शामिल हैं. पलासी थाना में दर्ज कांड संख्या 14/11, 15/11, 16/11, 17/11, 18/11, 19/11, 20/11, 113/11, 114/11, 115/11, 116/11 डेहटी पैक्स घोटालों के हैं. वहीं सिमराहा थाना कांड संख्या 235/10 मनरेगा घोटाला, अररिया नगर थाना कांड संख्या 35/13 कृषि यंत्रों में फर्जीवाड़ा, नरपतगंज थाना कांड संख्या 42/12 मनरेगा घोटाला को लेकर दर्ज है.

* पदाधिकारी भी रहे हैं शामिल
इन घोटालों में तत्कालीन आधा दर्जन से अधिक बीडीओ कानून के दायरे में आ कर मुंह छिपाये फिर रहे हैं. जेल से निकल कर गुमनामी की जिंदगी जीने को लाचार हैं. जोकीहाट के तत्कालीन बीडीओ फिरोज नईम, रमेश झा, परवेजउल्लाह, शमीम अख्तर, अशोक कुमार तिवारी, सुरेंद्र राय, गयानंद यादव, तत्कालीन जिलाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिंह, डीडीसी वाल्मिकी प्रसाद, अभियंता दीपक कुमार, कार्यपालक अभियंता रामकांत शर्मा सहित अन्य अभियंता व बैंक कर्मी के नाम भी काले कारनामे करने वालों में शामिल हैं.

इतने कानूनी कवायदों के बीच लोगों के जेहन में एक सवाल आज भी कुलबुलाता है कि जिले के कल्याणकारी योजनाओं की राशि डकारने वालों से गरीबों का पैसा वापस हो पायेगा. हालांकि कई घोटालेबाजों की संपत्ति, भूखंडों की जब्ती हुई है. कई लोगों की संपत्ति जब्ती का मामला न्यायालय में है. जिलेवासी के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन कार्रवाइयों के बावजूद लूट का सिलसिला आखिर बंद क्यों नहीं हो रहा है.

बताया जाता है कि आर्थिक अपराध इकाई के निशाने पर जिले के दर्जनों लुटेरे हैं. जिन्होंने गरीबों, योजनाओं की राशि लूट कर अट्टालिका बना रखा है. हालांकि गुणवत्तापूर्ण कार्यो का दावा करने वाले लोग अमन पसंद विरासत के लिए सुविख्यात अररिया के वासिंदों की हकमारी कर मालामाल हो गये. और जिला को दागदार बना दिया है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.

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