रानीगंज : मुख्यालय स्थित लालजी उच्च विद्यालय के समीप केंद्रीय उत्पाद विभाग की भूमि पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त नहीं हो पायी है. अब भी इसके आधे भूभाग पर अतिक्रमणकारियों का अवैध कब्जा कायम है. हालांकि 24 अगस्त को सीओ रमण कुमार सिंह व रानीगंज थानाध्यक्ष डीपी यादव ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच संबंधित भूमि मेंं मुख्य सड़क किनारे बने दुकान को ध्वस्त कर दिया था.
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केंद्रीय उत्पाद विभाग की भूमि पूरी तरह नहीं हुआ अतिक्रमणमुक्त
रानीगंज : मुख्यालय स्थित लालजी उच्च विद्यालय के समीप केंद्रीय उत्पाद विभाग की भूमि पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त नहीं हो पायी है. अब भी इसके आधे भूभाग पर अतिक्रमणकारियों का अवैध कब्जा कायम है. हालांकि 24 अगस्त को सीओ रमण कुमार सिंह व रानीगंज थानाध्यक्ष डीपी यादव ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच संबंधित भूमि […]
लेकिन अवैध तरिके से गृह निर्माण कर रहे रहे लोगों की फरियाद के आगे सीओ व थानाध्यक्ष बेबस बन गये. पांच दिनों में स्वयं खाली करने की गुहार पर अतिक्रमणकारियों को सामाजिकता के नाते सीओ ने अपने सख्त रुख में थोड़ी नरमी दिखायी थी. निर्धारित अवधि बीतने के बाद भी न तो अवैध कब्जा करने वाले लोग अपना वादा निभा पाये हैं. और न ही सीओ के माध्यम से पूर्णत: अतिक्रमण मुक्त करने की कवायद अंतिम रूप ले पायी है.
नतीजतन मामले को लेकर वरीय पदाधिकारी का आदेश अधर में लटका हुआ है. जबकि एसडीएम के आदेश पत्र पर गौर करें तो हसनपुर मौजा अंतर्गत खाता संख्या 522, खेसरा संख्या 2543 व रकवा 0.57 एकड़ केंद्रीय उत्पाद विभाग की भूमि से 24 अगस्त को अतिक्रमण खाली कराने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल व दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किये गये थे.
सीओ ने अपने स्तर से तैयारी सुनिश्चित कराने का दिया था आदेश सीओ के प्रतिवेदन व माननीय न्यायालय के आदेश के आलोक में अतिक्रमण खाली कराने को लेकर सीओ श्री सिंह को दंडाधिकारी व रानीगंज थानाध्यक्ष श्री यादव को पुलिस पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया था. इसके लिए सीओ को अपने स्तर से आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया था. कुल मिला कर कहें तो सीओ के प्रतिवेदन व एडीएम के आदेश के आधार पर एसडीएम व एसडीपीओ ने डीएम व एसपी के माध्यम से आवश्यक तैयारी को मुर्त रूप दे दिया था.
लेकिन इतना सब कुछ सुनिश्चित होने के बाद भी संबंधित भूमि पर आज भी अवैध कब्जा कायम है. हालांकि केंद्रीय उत्पाद विभाग की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की कवायद में सीओ की भूमिका लोगों के बीच सराहनीय है. सोशल मीडिया से लेकर कथित बुद्धिजीवियों के बीच सीओ की कर्तव्य निष्ठता चर्चित होने लगी है. इसके लिए बधाई का सिलसिला जारी है.
जेबीसी से दुकानों को ध्वस्त तो कर दिया गया, लेकिन घर तोड़ने के मामले में सीओ की कथित उदासीनता कहीं न कहीं पक्षपात प्रतीत होने लगा है. इस मामले में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल है. इस बाबत सीओ ने कहा कि संबंधित भूमि पर घर बना कर अवैध कब्जा करने वाले लोगों के विशेष गुहार पर पांच दिनों का वक्त दिया गया था. निर्धारित समय बीत चुका है.
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