मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया : अररिया-गलगलिया रेल लाइन में भू-अर्जन की प्रक्रिया के तहत मुआवजे की प्रक्रिया डीएम बैद्यनाथ यादव के द्वारा शुरू तो कर दी गयी. लेकिन अंचलों के द्वारा भू मालिकों के जमीन की जमाबंदी से संबंधित दस्तावेज भू अर्जन कार्यालय को सही समय पर नहीं सौंपे जाने के कारण मुआवजे की राशि का ससमय भुगतान नहीं हो पा रहा है.
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सुपौल-गलगिलया रेल परियोजना में भी जमीन अधिग्रहण में हो रहा विलंब
मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया : अररिया-गलगलिया रेल लाइन में भू-अर्जन की प्रक्रिया के तहत मुआवजे की प्रक्रिया डीएम बैद्यनाथ यादव के द्वारा शुरू तो कर दी गयी. लेकिन अंचलों के द्वारा भू मालिकों के जमीन की जमाबंदी से संबंधित दस्तावेज भू अर्जन कार्यालय को सही समय पर नहीं सौंपे जाने के कारण मुआवजे की राशि […]
ऐसी शिकायतें खुद भू मालिकों के द्वारा की जा रही है. जमीन अधिग्रहण में आ रही विलंब के कारण एक बार फिर इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का हाल इंडो-नेपाल सीमा सड़क के जैसा ही होता दिख रहा है.
पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी भूमि अधिग्रहण के पेंच के कारण इस महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो पाया है. अररिया-गललिया रेल परियोजना के लिए 2149 खेसराओं के लिए सभी रैयतों को 659 एकड़ भूमि उत्तर मध्य रेलवे कटिहार जोन को उपलब्ध कराना है.
जिससे लोगों को यथाशीघ्र इसका लाभ मिल सके. बता दें कि अररिया में 47.60 किमी रेलवे लाइन का निर्माण होना है. इनमें अररिया अंचल के 08 मौजा, फरबिसगंज अंचल के 08, सिकटी के 09, पलासी के 01 मौजा व कुर्साकांटा अंचल के 11 मौजा में कुल 659 एकड़ भूमि का अर्जन किया जाना है.
नयी रेल परियोजना के तहत सीमा के समानांतर बिछने हैं 95 किमी रेल लाइन
बाढ़ के दंश से जूझता कोशी का इलाका सड़क व रेल की महत्वपूर्ण योजनाओं के पूर्ण होने के बाद पलायन के दंश से उबरने की उम्मीद कर सकता है. वहीं सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ सड़क व रेल का जाल विकास के नये द्वार खोलेंगे. दिसंबर 2018 में ही भारतीय रक्षा मंत्रालय ने सुपौल-अररिया-गलगलिया तक इस नई रेल लाइन प्रोजेक्ट को महत्वपू्र्ण मानते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजना में शामिल किया.
95 किमी सुपौल-अररिया रेल परियोजना नेपाल सीमा के सामानांतर गुजरेगी ऐसा कहा जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार के द्वारा 1600 करोड़ रुपये की मंजूरी दिये जाने की बात भी कही जा रही है.
अररिया में भी होना है नयी बड़ी रेल परियोजना का कार्य
अररिया-गलगलिया नई बड़ी रेल परियोजना के लिए अररिया अंचल में भी विभिन्न मोजों की जमीन चिह्नित की गयी है. इसके लिए जून 2019 में ही नगर परिषद अंतर्गत प्रधान सड़क, मुख्य सड़क, शाखा सड़क व अन्य सड़क में पड़ने वाली अर्जित भूमि का खेसरावार भौतिक सत्यापन किया जाना तय था. हालांकि इस पर कितना काम हो पाया यह अब भी सीओ अररिया ही बता सकते हैं.
जानकारी अनुसार अररिया अंचल के विभिन्न मौजों जैसे बसंतपुर थाना नंबर 206 वार्ड संख्या 07, भाग मोहब्बत थाना 200 के वार्ड नंबर 06, हृदयपुर थाना नंबर 199 के वार्ड नंबर 07, इटहरा थाना नंबर 205 व बैजनाथपुर थाना नंबर 198 के वार्ड संख्या 06 के प्रधान सड़क, मुख्य सड़क, शाखा सड़क व अन्य सड़क में पड़ने वाली भूमि का खेसरवार सत्यापन किया जाना था. बहरहाल अंचल प्रशासन के द्वारा अब तक क्या किया गया है. यह सवालों में हैं.
मिले जल्द से जल्द रैयतों को मुआवजा
रहटमीना, सौरगांव, लक्ष्मीपुर, भोड़हा, डोरिया आदि मौजों का जमाबंदी रिपोर्ट भू अर्जन कार्यालय को नहीं सौंपा गया है. ऐसे में अररिया-गललिया जैसे महत्वपूर्ण रेल परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य विलंब होता जा रहा है.
जब तक जमाबंदी रिपोर्ट भू अर्जन कार्यालय को नहीं सौंपा जायेगा तब तक रैयतों के उनके जमीन की मुआवजे की राशि भू अर्जन द्वारा भुगतान नहीं किया जायेगा. इस लेट लतीफी का कारण संबंधित मौजों के राजस्व कर्मचारी व वहां के अंचलाधिकारी हैं. उनके विरुद्ध अनुशानात्मक कार्रवाई हो.
जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि इन मौजों का जल्द से जल्द भूमि से संबंधित प्रतिवेदन अंचलों से उपलब्ध करवायें. जिससे भू मालिकों का जल्द से जल्द उनके मुआवजे का भुतान हो पाये. साथ ही इस महत्वपूर्ण परियोजना पर जल्द से जल्द कार्य शुरू हो, जिसका फायदा आम लोगों को मिले.
आनंदी प्रसाद यादव, पूर्व विधायक सिकटी
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