अररिया : सूरत हादसे के बाद सूबे के कोचिंग संस्थानों पर सरकार की कड़ी नजर है. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने डीएम व डीइओ को पत्र निर्गत कर जिले में चल रहे कोचिंग संस्थानों की जांच कर रिपोर्ट तलब की है. मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों में दर्जनों कोचिंग संस्थान चलाये जा रहे हैं.
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बिना निबंधन के नहीं चलेगा कोचिंग सेंटर: डीपीओ
अररिया : सूरत हादसे के बाद सूबे के कोचिंग संस्थानों पर सरकार की कड़ी नजर है. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने डीएम व डीइओ को पत्र निर्गत कर जिले में चल रहे कोचिंग संस्थानों की जांच कर रिपोर्ट तलब की है. मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों में दर्जनों कोचिंग संस्थान चलाये जा रहे हैं. परंतु […]
परंतु एक भी कोचिंग संस्थान निबंधित नहीं है. बिना निबंधन के ही कोचिंग संस्थान धड़ल्ले चलाये जा रहे हैं. जिला शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2017 में सभी बीइओ से अपने-अपने प्रखंडों में संचालित कोचिंग संस्थानों की सूची मांगी गयी थी. यह भी आदेश निर्गत किया गया था कि सभी कोचिंग संस्थानों का निबंधन कराना आवश्यक होगा. इस आदेश के बाद जिले के विभिन्न क्षेत्रों से सात कोचिंग संस्थान संचालक ने शिक्षा विभाग में निबंधन के लिए आवेदन भी किया. उक्त सात आवेदन पर शिक्षा विभाग द्वारा कोई जांच करायी गयी और न ही निबंधन ही किया गया.
अब जब विभाग द्वारा इस पर कड़ा रुख अपनाया जा रहा है, तब शिक्षा विभाग फिर से हरकत में आया है. डीएम के पत्र के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी बीइओ को पत्र निर्गत कर कहा है कि जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों का संचालन मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा है. उन्होंने सभी बीइओ को अपने-अपने प्रखंडाधीन में अवस्थित कोचिंग संस्थानों का मानक की जांच कर स्पष्ट जांच प्रतिवेदन सात जून तक मांगा है. बीइओ के जांच प्रतिवेदन डीएम को एक सप्ताह के अंदर समर्पित किया जाना है.
किसी भी स्तर का कोचिंग संस्थान के संचालकों को बिना निबंधन का अब कोचिंग चलाना संभव नहीं होगा. कोचिंग संस्थान अब मानक के अनुरूप ही चलाया जायेगा. मानक के विपरीत कोचिंग संस्थान को विभाग द्वारा निबंधित नहीं किया जायेगा. झोपड़ी व तीन का छत्ता डाल कर कोचिंग या ट्यूशन सेंटर चलाना अवैध माना जायेगा. कोचिंग संस्थानों के लिए मानक को पूरा करना भी इतना आसान नहीं होगा.
कहते हैं अधिकारी
डीपीओ एसएसए बालेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि जिले में एक भी कोचिंग संस्थान निबंधित नहीं है. कुछ के निबंधन के लिए आवेदन पूर्व में किया था, परंतु न तो उसकी जांच हो पायी है और न ही निबंधित किया गया है. सभी बीइओ को पत्र देकर अपने-अपने प्रखंडाधीन संचालित किये जा रहे कोचिंग संस्थानों की सूची मांगी गयी है. सूची प्राप्त होते ही जांच करायी जायेगी. जांच में अगर मानक के अनुरूप कोचिंग संस्थान संचालित हो रहा है तो विभागीय अनुसार उसका निबंधन किया जायेगा. अन्यथा ऐसे सभी कोचिंग संस्थानों को बंद करा दिया जायेगा जो निर्धारित मानक को पूरा नहीं करता हो.
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