जोकीहाट : लोकसभा आम चुनाव को लेकर जोकीहाट विधान सभा क्षेत्र में अब तक कोई सुगबुगाहट नहीं देखी जा रही है. चौक-चौराहों पर भी चुनाव लोगों के बहस का मुद्दा नहीं बना पाया है. पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता भी अपनी दिनचर्या में व्यस्त हैं. इधर क्षेत्र के किसानों का पूरा ध्यान गेहूं फसल की तैयारी पर लगा हुआ है. मौसम की बेरूखी उनके लिए चिंता का विषय बना हुआ है. चुनाव में खड़े प्रत्याशी जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र के विकास की बात नहीं कर रहा है.
Advertisement
शिक्षा, स्वास्थ्य, शुद्ध पेयजल व बाढ़ से जुड़ी समस्याओं पर अब तक उदासीन रहे हैं जनप्रतिनिधि
जोकीहाट : लोकसभा आम चुनाव को लेकर जोकीहाट विधान सभा क्षेत्र में अब तक कोई सुगबुगाहट नहीं देखी जा रही है. चौक-चौराहों पर भी चुनाव लोगों के बहस का मुद्दा नहीं बना पाया है. पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता भी अपनी दिनचर्या में व्यस्त हैं. इधर क्षेत्र के किसानों का पूरा ध्यान गेहूं फसल की तैयारी […]
इस बार के चुनाव क्षेत्रीय व जातिगत मुद्दों को हवा दिये जा रहे हैं. लिहाजा क्षेत्र के वोटरों के लिए वोट डालना एक रूटीन वर्क बन चुका है. मुद्दों की बात की जाय तो स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छ पेयजल, अच्छे शिक्षा संस्थानों की कमी, बेरोजगारी के कारण लोगों का पलायन विधानसभा क्षेत्र से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दे हैं.
ये समस्याएं क्षेत्र के विकास पर सीधा असर डाल रही है. क्षेत्र में शिक्षा की बदहाली की बात करते हुए मो अख्तर ने कहा कि शिक्षा की बदहाली के मामले जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र वर्षों से पिछड़ापन का दंश झेल रहा है. ऐसी बात नहीं यहां के नौनिहाल प्रतिभा के मामले में किसी से कमतर हैं.
लेकिन उचित संसाधन व अवसर के अभाव में उनकी प्रतिभाएं कुंद हो रही है. क्षेत्र की जनता अपना कीमती वोट देकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बड़े-बड़े ओहदों तक पहुंचा चुके हैं. अपनी एकजूटता का परिचय देकर सत्ता व शासन का ध्रवीकरण क्षेत्र में केंद्रित रहा है. लेकिन इसका कोई खास लाभ यहां के स्थानीय लोगों को नहीं मिल पाया. क्षेत्र में अब तक एक भी अंगीभूत कॉलेज नहीं खुल सके.
तकनीकी शिक्षण संस्थानों की कमी की समस्या यथावत बनी हुई है. पारामेडिकल कॉलेज तक खोलने की चेस्टा कभी यहां के किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं किया. इससे क्षेत्र में शिक्षा की बदहाली कायम है. स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा करते हुए मो एकराम ने कहा कि रेफरल अस्पताल से लेकर क्षेत्र के तमाम एपीएचसी में चिकित्सकों के कमी की समस्या बनी हुई है.
अधिकांश जगहों पर बने एपीएचसी भवन में शराबियों व जुआरियों का कब्जा हो चुका है. अब तक किसी जन प्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. दूषित पेयजल से जुड़ी समस्या पर मो नौमान ने कहा कि क्षेत्र के लोग अक्सर गंभीर बीमारियों की चपेट में आकर दम तोड़ रहे हैं.
आयरन युक्त पानी पीकर लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. अलग बात है कि विधानसभा क्षेत्र के कुछ इलाकों में जलमीनारे सीना तान कर खड़ी नजर आती है. जो स्थानीय लोगों को महज मूंह चिठा रहा है. किसानों की बदहाली पर अपनी राय रखते हुए मो मुबारक कहते हैं कि किसानों की आर्थिक स्थिति दयनीय है.
विशेषज्ञों की मानें तो यहां की मिट्टी गन्ना की खेती के लिए उपयुक्त है. अगर क्षेत्र में चीनी मिल की स्थापना पर ध्यान दिया जाय तो गन्ना का उत्पादन यहां के किसानों के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है. इससे किसानों के आर्थिक समस्याओं का आसानी से हल निकाला जा सकता है. मो आजाद ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश इलाका हर साल बाढ़ की चपेट में आ जाता है.
इस कारण सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो जाती है. बाढ़ जैसी गंभीर समस्या स्थायी निदान को लेकर जन प्रतिनिधियों का लापरवाह नजरिया यहां के लोगों के लिए अभिषाप बन चुका है. क्षेत्र में बाढ़ आने के बाद राहत सामग्री के विरतण पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का पूरा जोर होता है.
इसमें भी घोटाले के बड़े मामले सामने आते हैं. लेकिन स्थायी समाधान की बात को भूला दिया जाता है. मामले में मो रेहान ने कहा कि 1978 में जनता पार्टी की सरकार में एमपी रहते हुए स्वर्गीय हलीमुद्दीन ने लोकसभा में पनार कनडेम बिल लाया था.
बिल के मुताबिक पनार नदी के दोनों ओर बांध बनाने का प्रस्ताव था. लेकिन जनता सरकार के अचानक गिर जाने से यह बिल पास नहीं हो सका. अगर यह बिल पारित हो जाता तो हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या से जिलेवासियों को निजात मिल जाता.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement