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बगैर एनओसी लिये एनएचआइ के जमीन पर नाला निर्माण के विरोध में लोगों ने अधिकारियों को दिया आवेदन

अररिया : चांदनी चौक से कोशी धार तक नगर परिषद द्वारा बगैर एनओसी के हो रहे नाला निर्माण की खबर प्रभात खबर में प्रमुखता के साथ प्रकाशित होने के बाद अब इस पर रोक लगाये जाने को ले लोग विभागीय अधिकारियों को पत्राचार कर रहे हैं. ऐसा ही एक पत्र पूर्व पार्षद कमाले हक द्वारा […]

अररिया : चांदनी चौक से कोशी धार तक नगर परिषद द्वारा बगैर एनओसी के हो रहे नाला निर्माण की खबर प्रभात खबर में प्रमुखता के साथ प्रकाशित होने के बाद अब इस पर रोक लगाये जाने को ले लोग विभागीय अधिकारियों को पत्राचार कर रहे हैं. ऐसा ही एक पत्र पूर्व पार्षद कमाले हक द्वारा नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, डीएम व कार्यपालक पदाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर नाला निर्माण कार्य पर रोक लगाने का आवेदन दिया गया है. दिये गये आवेदन में कहा गया है कि नप द्वारा बनाया जा रहा नाला एनएचआइ के जमीन पर बन रहा है.

इससे पूर्व भी नगर परिषद पीडब्ल्यूडी के जमीन पर सदर अस्पताल के निकट मार्केटिंग कॉम्पलेक्स बनाकर विवादों में घिर चुका है. अभी भी अर्द्धनिर्मित मार्केटिंग कॉम्पलेक्स शहरवासियों को मूंह चिढ़ा रहा है. इस मामले में हाइकोर्ट ने मार्केटिंग कॉम्पलेक्स को तोड़े जाने का भी आदेश दिया था. हालांकि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. फिर यह गलती दोहरायी जा रही है. 1.59 करोड़ के प्राक्कलन से नाला का निर्माण बगैर एनओसी लिये किया जा रहा है. जो कि बाद में राशि के दुरुपयोग का मामला बन सकता है. हालांकि उक्त स्थल पर एनएचआइ द्वारा पूर्व में भी नाला का निर्माण किया गया है. जो बेकार पड़ा हुआ है. कहा कि नाला निर्माण को अविलंब रोका जाये. साथ मामले की उच्च स्तरीय पदाधिकारी से जांच करायी जाये.
अन्यथा मामला उच्च न्यायालय में दायर किया जा सकता है. जब लिया गया था प्रस्ताव तो आरोप लगाने वाले भी थे बोर्ड के सदस्य : नप कार्यालय सूत्रों की माने तो नाला निर्माण को लेकर एनओसी की बात आज भले ही उठ रही है. लेकिन जब नाला निर्माण की बात हो रही थी तो उस वक्त के बोर्ड में वे लोग भी शामिल थे जो आज अधिकारियों को आवेदन देकर नाला के निर्माण को अवैध बता रहे हैं. उनके अनुसार यह कार्य वर्ष 2016 में ही जमीन पर उतर जाता लेकिन उस वक्त नाला निर्माण की प्रक्रिया में तकनिकी उलझनें आ गयी थी. अगर इसमें एनओसी लेने की बात थी तो यह प्रक्रिया उसी वक्त से क्यों नहीं शुरू की गयी.
नगर पालिका एक्ट के तहत हो रहा है नाला का निर्माण : कार्यपालक पदाधिकारी : इधर इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार ने बताया कि नाला का निर्माण नगर पालिका को प्रदत्त शक्ति के आधार पर किया जा रहा है. इस पर दोषारोपण किया जाना व्यक्तिगत विचार हो सकता है. उन्होंने नगर पालिका के 197, 198 व 199 के तहत दिये गये एक्ट का हवाला देते हुए बताया कि मुख्य नगर पालिका पदाधिकारी अथवा इस निमित उसके द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य एजेंसी किसी क्रियामान नाली के स्थान पर कोई भी नली का निर्माण कर सकता है. वह इस प्रकार के निर्मित किसी नगर पालिका की नाली की मरम्मत या उसमें परिवर्तन करने के लिए स्वतंत्र है. यह मुख्य नगर पालिका पदाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आता है. वे नप क्षेत्र में नाली का विस्तार, मार्ग में परिवर्तन, नाला को छोटा व घुमावदार बनाने के लिए स्वतंत्र है.

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