7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मूल्यांकन परीक्षा में बच्चों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं

जिले के अधिकांश बच्चों को मिला ग्रेड बी व सी केवल छह प्रतिशत बच्चों को मिला ग्रेड ए अररिया : जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में पठन-पाठन का स्तर कह लें या किताबों की कमी. बच्चों में अपने सिलेबस के ज्ञान की कमी होती जा रही है. इसका प्रमाण इस इस वर्ष प्रारंभिक विद्यालयों में हुई […]

जिले के अधिकांश बच्चों को मिला ग्रेड बी व सी

केवल छह प्रतिशत बच्चों को मिला ग्रेड ए
अररिया : जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में पठन-पाठन का स्तर कह लें या किताबों की कमी. बच्चों में अपने सिलेबस के ज्ञान की कमी होती जा रही है. इसका प्रमाण इस इस वर्ष प्रारंभिक विद्यालयों में हुई मूल्यांकन परीक्षा में ज्यादातर बच्चे बी अथवा सी ग्रेड में हैं. यही बच्चे कल के देश के भविष्य हैं. इंटर की परीक्षा ने भी यह साबित कर दिया है कि कहीं ना कहीं शिक्षा का स्तर लगातार हर स्तर पर गिरता जा रहा है. यदि अभिभावक अपने बच्चों को ट‍्यूशन न दें तो वे अपने बच्चों से अच्छे परिणाम की आशा नहीं कर सकते.
जिले के चार लाख 28 हजार बच्चे शामिल हुए थे मूल्यांकन परीक्षा में : जिले के लगभग दो हजार प्रारंभिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठवीं तक छह लाख 2140 छात्र नामांकित हैं. इनमें चार लाख 28 हजार बच्चों ने मूल्यांकन परीक्षा में भाग लिया, जबकि एक लाख 83867 बच्चें मूल्यांकन परीक्षा से अनुपस्थित रहे.
मूल्यांकन परीक्षा के परिणाम आने के बाद एक लाख 62 हजार 312 बच्चों को बी ग्रेड व एक लाख 94 हजार बच्चों को सी ग्रेड प्राप्त हुआ है. 33 हजार 512 बच्चों को डी ग्रेड तथा 12 हजार 368 बच्चों को ई ग्रेड मिला है, जबकि मात्र 25 हजार 590 बच्चों ने ए ग्रेड प्राप्त किया है. जिले से मूल्यांकन की रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजी गयी है. आठवीं तक की मूल्यांकन परीक्षा में छात्रों का खराब प्रदर्शन से सरकारी स्कूलों की पढ़ाई पर फिर से सवाल उठ रहे हैं.
कई योजनाओं और सुविधाओं के बाद भी स्कूलों में शिक्षा और बच्चों की जानकारी का स्तर काफी कमजोर है. इधर खराब रिजल्ट आने के बाद शिक्षा विभाग सकते में है. परीक्षा से पहले सरकार का निर्देश था कि छात्रों का रिजल्ट अगर कमजोर आया तो शिक्षक से इसका कारण पूछा जायेगा. एसएसए कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा में चार लाख तीन हजार 479 बच्चे शामिल हुए थे.
शिक्षक बोले- बिन किताब के कैसे पढ़ें बच्चे : बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने मूल्यांकन परीक्षा के परिणाम पर कहा कि सरकार सिर्फ गुणवत्ता शिक्षा की बात करती है. उस पर कोई काम नहीं करती है. स्कूलों में पांच सालों से पूरी किताबें नहीं आ रही हैं.
सत्र का दो माह बीत गया, बच्चों को अब तक किताबों का दर्शन तक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा जो रिजल्ट दिखाया जा रहा है वह वास्तव में बच्चों को जानकारी का स्तर उससे भी कम है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें