Agriculture News: खेती के जरिए भी गरीबी को दूर किया जा सकता है. बिहार के सीवान में स्थित नौतन प्रखंड में स्थित किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर अप्रीकी गेंदा के फूल की खेती कर रहे है. इससे उनकी कमाई भी अच्छी हो रही है. किसान एक दूसरे को देखकर भी फूलों की खेती में रूची ले रहे हैं. इस तरह की खेती का सीवान में ट्रेंड सा चल गया है. बता दें कि गेंदा की खेती पूरे देशभर में किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है.
कोलकाता से मंगवाया गेंदे का बीज
सीवान के रहने वाले किसान गुड्डू कुमार ने स्थानीय मीडिया को जानकारी दी कि उनके पिता पारंपरिक खेती करते थे. लेकिन इन्होंने गेंदे की खेती करने का मन बनाया. इसके बाद हरियाणा में जाकर फूल की खेती के लिए पढ़ाई भी की. साथ ही पश्चिम बंगाल के कोलकाता से गेंदे के बीज को मंगवाया. यह एक बीघे में अफ्रीकन गेंदे की खेती कर रहे है. तीन साल पहले उन्होंने इसकी शुरूआत की थी. फिलहाल, एक महीने में इसकी खेती से 50 हजार रूपए तक का मुनाफा हो रहा है. यानि, साल भर में लाखों का मुनाफा हो रहा है. इसमें लागत भी बहुत अधिक नहीं लगती है.
देश में फूलों का बड़ा कारोबार
देश में फूलों का बड़ा कारोबार है. महज 50 हजार की लागत से इसकी शुरूआत हो सकती है. मालूम हो कि आमतौर पर घरों में कई कार्यक्रम होते है. कभी किसी का जन्मदिन, शादी या अन्य फंक्शन होते है. घर में लोग पूजा भी करते है. ऐसे लोगों से संपर्क किया जा सकता है. साथ ही ऑनलाइन या ऑफलाइन फूल भेजने की सुविधा भी होती है. इस ट्रिक के साथ अच्छा मुनाफा होता है. सोशल मीडिया का सहारा लेकर भी ब्रिकी को बढ़ाया जा सकता है.
Published By: Sakshi Shiva