ठगी. राशन कार्ड नामांकन सेंटर खोलने के नाम पर की लाखों की उगाही, सीवान के सिसवन से पकड़ाया
पटना : सीवान के सिसवन के बीसीए के छात्र विशाल बाबू माथुर ने राज्य खाद्य निगम के नाम की फर्जी वेबसाइट बनायी और लोगों से राशन कार्ड नामांकन केंद्र खोलने के नाम पर दो हजार की ठगी कर रहा था. इस मामले की जानकारी होते ही राज्य खाद्य निगम मुख्यालय के कंप्यूटर उपप्रमुख अजय कुमार दास ने 16 मई को सचिवालय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. इसके बाद पुलिस टीम ने मामले की जांच की और इंटरनेट के आइपी एड्रेस के माध्यम से जानकारी ली, तो यह पता चला कि उक्त वेबसाइट सीवान के सिसवन से ऑपरेट हो रही है और उसका संचालक विशाल बाबू माथुर है.
इसके बाद सचिवालय थाना पुलिस की एक टीम एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर वहां पहुंची और विशाल को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक लैपटॉप, एक मोबाइल, एक लाख नकद, एटीएम कार्ड, पासबुक आदि बरामद किये गये हैं. उक्त खाते में लाखों रुपये थे, जो इसने सैकड़ों लोगों से राशन कार्ड सेंटर खुलवाने के नाम पर वसूले थे. पकड़े गये छात्र ने पुलिस को बताया कि उसे एक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट खोलना था, जिस कारण उसने ऐसा किया. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि छात्र ने फर्जी वेबसाइट बनाकर सैकड़ों लोगों से ठगी की है.
राज्य खाद्य निगम के कार्यालय में भी जानकारी लेने पहुंचने लगे थे लोग : विशाल सीवान में ही एक प्रतिष्ठित स्कूल से बीसीए कर रहा है और पार्ट थ्री में पढ़ता है. उसने राज्य खाद्य निगम के नाम पर एक फर्जी वेबसाइट बनायी और उसमें सीएम नीतीश कुमार व खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन साहनी का भी फोटो डाल दिया. एक तरह से यह राज्य खाद्य निगम की ऑरिजनल वेबसाइट की तरह ही लग रही थी. वेबसाइट में उसने यह सूचना दी कि राशन कार्ड नामांकन सेंटर के लिए आवेदन दे सकते हैं. साथ ही एक खाता का नंबर भी उसमें दिया गया था, जिसमें इच्छुक लोगों को रजिस्ट्रेशन के लिए दो हजार रुपये जमा करने को कहा गया था. इस वेबसाइट के माध्यम से कई लोगों ने आवेदन किया.
सभी से उसने अपने एकाउंट में पैसा डलवा लिये. इसके बाद कुछ लोग राज्य खाद्य निगम के कार्यालय में भी इस तरह के सेेंटर खोलने के लिए जानकारी लेने पहुंचने लगे. इससे पूरे मामले की जानकारी हुई. इसके बाद राज्य खाद्य निगम की ओर से सचिवालय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.
बालिग को नाबालिग बनाने का खेल, गिरफ्तार
स्कूल से सर्टिफिकेट बनाने के साथ ही गवाही देने भी कोर्ट में जाता था प्रधानाध्यापक
पटना. शहर के शास्त्री नगर थाने के शेखपुरा बगीचा में मान्यता रद्द हुए स्कूल ओम शिव पार्वती शांति निकेतन के प्रधानाध्यापक द्वारा बालिग को नाबालिग बनाने का खेल चल रहा था. पुलिस ने मामले की जानकारी होने पर उक्त स्कूल के प्रधानाध्यापक भवानी शंकर पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है. यह मूल रूप से दुर्गावती, रोहतास का रहने वाला है.
इसके पास से काफी संख्या में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज, आवासीय, जाति व आय प्रमाणपत्र बरामद किये गये हैं. साथ ही कई स्कूल व कॉलेजों के फर्जी मुहर व तीन डायरी मिली है. उक्त डायरी में उन सभी लोगों के नाम अंकित हैं, जिनसे पैसे लेकर इसने फर्जी सर्टिफिकेट बना कर दिये थे.
25 से 50 हजार तक लेता था भवानी शंकर : भवानी शंकर पांडेय नाबालिग का फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के लिए 25 से 50 हजार तक लेता था. इसके अलावा जाति, आवासीय या अन्य प्रमाणपत्र के लिए पांच सौ से एक हजार तक वसूलता था.
बीआइटी मेसरा के छात्र के हत्या मामले में भी आरोपितों को दिया था नाबालिग का सर्टिफिकेट : वह मान्यता रद्द हुए स्कूल के कागजात के आधार पर बालिग से नाबालिग बनाता था और आठवीं का सर्टिफिकेट जारी करता था. साथ ही जरूरत पड़ने पर कोर्ट में गवाही भी देता था. पुलिस को इससे मिले दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है कि 2015 में दानापुर थाना क्षेत्र में बीआइटी मेसरा के एक छात्र की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में रवि नाम का युवक आरोपित था. रवि ने भी भवानी शंकर पांडेय के माध्यम से नाबालिग का सर्टिफिकेट बना लिया था और न्यायालय से लाभ लेने में सफल रहा था.
ऐसे हुआ खुलासा
बताया जाता है कि बेऊर थाना क्षेत्र में हुए मार्बल व्यवसायी रामचंद्र झा की हत्या में आरोपित रंजीत कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन, रंजीत ने नाबालिग होने का प्रमाणपत्र बनवा लिया और उसे न्यायालय में जमा करा दिया. यह जानकारी उनकी पत्नी जयंती झा को हो गयी और उन्होंने एसएसपी मनु महाराज को इसकी शिकायत की. एसएसपी ने तुरंत मामले का संज्ञान लिया और छानबीन करायी तो मामला सही निकला. इसके बाद भवानी शंकर
पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया.