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शिक्षकों को मूल्यांकन नहीं करने की धमकी

विरोध. केंद्राधीक्षकों को भी मूल्यांकन बंद करने को कह रहे बहिष्कार करनेवाले शिक्षक पटना : मूल्यांकन में शामिल हुए, तो बुरा हाल कर देंगे. मूल्यांकन कार्य से दूर रहें, हमारा साथ दें, मूल्यांकन का बहिष्कार करें, नहीं तो हम छोड़ेंगे नहीं. ये सारी धमकियां मैट्रिक के मूल्यांकन करने आ रहे शिक्षकों को मिल रही हैं. […]

विरोध. केंद्राधीक्षकों को भी मूल्यांकन बंद करने को कह रहे बहिष्कार करनेवाले शिक्षक
पटना : मूल्यांकन में शामिल हुए, तो बुरा हाल कर देंगे. मूल्यांकन कार्य से दूर रहें, हमारा साथ दें, मूल्यांकन का बहिष्कार करें, नहीं तो हम छोड़ेंगे नहीं. ये सारी धमकियां मैट्रिक के मूल्यांकन करने आ रहे शिक्षकों को मिल रही हैं. अब शिक्षक इससे मूल्यांकन करने से कतराने लगे हैं. रविवार को कीचड़ फेंकने की घटना के बाद अब शिक्षक मूल्यांकन केंद्र पर नहीं जाना चाह रहे हैं. अब इसकी जानकारी शिक्षकों ने जिला शिक्षा कार्यालय को देनी शुरू कर दी है.
निलंबित और वेतन नहीं मिलने की शिक्षक मूल्यांकन करना चाहते हैं, लेकिन जिन शिक्षकों ने मूल्यांकन का बहिष्कार किया है, वो शिक्षक बाकी शिक्षकों को धमकी दे रहे हैं. ऐसे में शिक्षक चाहते हुए भी मूल्यांकन नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, सरकार की ओर से शिक्षकों को निलंबित और वेतन रोकने की घोषणा के बाद शिक्षक जिलाशिक्षा कार्यालय पहुंच अपनी मजबूरी बता रहे हैं.
स्कूल प्राचार्य को भी मिल रही धमकी : धमकी केवल शिक्षकों को ही नहीं मिल रही, बल्कि मूल्यांकन केंद्रों के प्राचार्यों या केंद्राधीक्षकों को भी दी जा रही है. नाम नहीं छापने के शर्त पर उच्च माध्यमिक स्कूल के प्राचार्य ने कहा कि बहिष्कार कर रहे शिक्षक फोन पर धमकी दे रहे हैं. मूल्यांकन बंद करने की मांग करते हैं.
शिक्षा मंत्री से हुई सकारात्मक बातचीत : केदार नाथ पांडेय : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी से मिला. डॉ चौधरी से संघ के अध्यक्ष केदार नाथ पांडेय ने शिक्षकों की गिरफ्तारी को वापस लेने की मांग की. शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है. केदार नाथ पांडेय ने बताया कि शिक्षा मंत्री के साथ वार्ता काफी सकारात्मक रही. मंत्री जी से हमने आग्रह किया है कि शिक्षकों की गिरफ्तारी को वापस लिया जाये. शिक्षा मंत्री ने मांग को समझा और आश्वासन भी दिया है. अब संघ भी एक दो दिनों में आंदोलन को लेकर कुछ फैसला लेगा.
पटना : इंटर व मैट्रिक का मूल्यांकन भगवान भरोसे चल रहा है. न तो शिक्षक मूल्यांकन को आ रहे हैं और न ही शिक्षकों को सुरक्षा देने के लिए पुलिस तैनात हैं. उत्तरपुस्तिकाओं की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट भी नहीं हैं. यह हाल कोई एक मूल्यांकन केंद्र का नहीं, बल्कि हर मूल्यांकन केंद्र का है. मूल्यांकन केंद्रों को सुरक्षित रखने के लिए मात्र दो-दो ही पुलिस के जवान ही लगाये गये हैं. इंटर और मैट्रिक के लिए पटना जिले में 16 मूल्यांकन केंद्र बनाये गये हैं. हर केंद्र पर कम से कम चार पुलिसकर्मी और दो-दो मजिस्ट्रेट को रखने की घोषणा की गयी थी, लेकिन 16 मूल्यांकन केंद्रों पर मात्र 32 पुलिसकर्मी ही लगाये गये हैं. मूल्यांकन का बहिष्कार लगातार जारी है. मूल्यांकन केंद्रों पर शिक्षक धरना-प्रदर्शन के साथ नारेबाजी भी कर रहे हैं. सोमवार को भी राजकीय बालक उच्च विद्यालय, शास्त्रीनगर, केवी सहाय उच्च विद्यालय आदि मूल्यांकन केंद्रों पर शिक्षक धरना पर बैठे रहे. ये शिक्षक अन्य शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए केंद्र में भी प्रवेश नहीं करने दे रहे थे.
कीचड़ फेंके जाने के डर से मूल्यांकन करने नहीं आये शिक्षक : रविवार को राजकीय बालक उच्च विद्यालय, शास्त्रीनगर में कई शिक्षकों पर कीचड़ फेंक दिया गया. इससे कई शिक्षकों को चोटें भी आयीं और उनके चश्मे भी टूट गये. इस डर से सोमवार को ये शिक्षक मूल्यांकन करने नहीं आये. स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार अनुपस्थित नहीं होने के डर से नये शिक्षक मूल्यांकन में शामिल हो रहे हैं, लेकिन पुराने शिक्षक मूल्यांकन से दूर हैं.
पुलिस की संख्या कम
मूल्यांकन केंद्रों पर पुलिस की संख्या कम है. इससे बहिष्कार करनेवाले शिक्षक अधिक मनमानी कर रहे हैं. दूसरे शिक्षकों को भी जाने से रोक रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की जरूरत है. मूल्यांकन केंद्र असुरक्षित हैं. डर से कई शिक्षक मूल्यांकन करने नहीं जा रहे हैं.
मेदो दास, डीइओ, जिला शिक्षा कार्यालय
माध्यमिक शिक्षक संघ आज काला बिल्ला लगा निकालेगा मौन जुलूस
पटना. बक्सर और दरभंगा में शिक्षकों की गिरफ्तारी व कई जिलों के शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के विरोध में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ मंगलवार को काला बिल्ला लगा कर मौन जुलूस निकालेंगे. मौन जुलूस सभी जिला मुख्यालयों में निकाला जायेगा. इस दौरान शिक्षक संघ का बैनर लेकर मुंह पर काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसकी जानकारी संघ के अध्यक्ष केदार नाथ पांडेय और महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने दी.
उन्होंने बताया कि छह साल से अनुदानित इंटर व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को अनुदान की राशि नहीं मिली है. ऐसे में शिक्षक विरोध नहीं करेंगे, तो क्या करेंगे. वहीं, वित्तरहित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ, बिहार ने जमुई डीइओ की ओर से शिक्षकों पर किये गये मुकदमे का विरोध किया है. महासंघ के शंभु कुमार सिंह ने शिक्षकों पर से मुकदमा वापस लेने की मांग की है.
वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा, बिहार की ओर से प्रदेश भर में सोमवार को काला दिवस मनाया गया. मोरचा के कार्यकारी अध्यक्ष राय श्रीपाल सिंह ने बताया कि भागलपुर में शिक्षकों पर लाठीचार्ज, गोपालगंज में शिक्षकों की गिरफ्तारी काफी निंदनीय है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री की जीद के कारण ही इंटर और मैट्रिक के मूल्यांकन में बाधा आ रही है. मूल्यांकन का विरोध करने पर शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.

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