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#bssc paper leak : बरार ने छिपा दिया है अपना लैपटॉप एफएसएल भेजा जायेगा मोबाइल
तलाश. लैपटॉप हाथ लग गया, तो बहुत-सी जानकारियां आयेंगी सामने पटना : इवैल्यूएटर अनंतप्रीत सिंह बरार ने अपना लैपटॉप कहीं छिपा दिया है. एसआइटी अब तक उसका लैपटॉप बरामद नहीं कर पायी है. दिल्ली में छापेमारी के दौरान एसआइआइटी ने काफी प्रयास किया, लेकिन लैपटॉप नहीं मिला. लैपटॉप की तलाश अब भी जारी है. एसआइटी […]
तलाश. लैपटॉप हाथ लग गया, तो बहुत-सी जानकारियां आयेंगी सामने
पटना : इवैल्यूएटर अनंतप्रीत सिंह बरार ने अपना लैपटॉप कहीं छिपा दिया है. एसआइटी अब तक उसका लैपटॉप बरामद नहीं कर पायी है. दिल्ली में छापेमारी के दौरान एसआइआइटी ने काफी प्रयास किया, लेकिन लैपटॉप नहीं मिला. लैपटॉप की तलाश अब भी जारी है. एसआइटी यह मान रही है कि अगर लैपटॉप हाथ लग गया, तो बहुत-सी जानकारी सामने आ जायेगी. इसके अलावा उसके घर से कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें खंगाला जा रहा है. वहीं उसके मोबाइल फोन को एफएसएल को भेजने की तैयारी है. एसआइटी के एक पदाधिकारी का कहना है कि इसके लिए कोर्ट से परमिशन लिया जायेगा.
चार दिन के लिए एसआइटी बरार को लेगी रिमांड पर : एसआइटी बरार से अभी सब कुछ उगलवा
नहीं पायी है. अभी उससे पूछताछ होनी है. गुरुवार की रात पूछताछ में वह अपने को निर्दोष बताता रहा. लेकिन,
उसके मोबाइल फोन के सीडीआर से मिले कुछ साक्ष्यों ने उसका मुंह बंद करने पर मजबूर कर दिया. जैसे सुधीर कुमार, सीके अनिल और प्रिंटिंग प्रेस मालिक विनीत अग्रवाल से फोन पर कई बार की गयी बातचीत. इससे यह तो साबित होता है कि सभी एक दूसरे को अच्छे-से जानते हैं. यह भी पुष्ट हो चुका है कि बरार के कहने पर ही विनीत को प्रिंटिंग का ठेका मिला था. अन्य जानकारी हासिल करने के लिए एसआइटी बरार को चार दिन के लिए रिमांड पर लेगी. इसके लिए आवेदन कर दिया गया है.
सीके अनिल और बरार दिल्ली में साथ थे इसका प्रमाण देगा मोबाइल फोन का टावर लोकेशन
आइएएस और आयोग के ओएसडी सीके अनिल दिल्ली में अनंतप्रीत
सिंह बरार के साथ थे, इसका
प्रमाण मोबाइल फोन का टावर लोकेशन देगा. बरार ने तो यह बात कबूल कर
ली है लेकिन, कोर्ट में इसे पुख्ता प्रमाण बनाने के लिए एसआइटी वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित कर रही है. सीके
अनिल के नये मोबाइल फोन व नंबर का टावर लोकेशन एसआइटी निकालेगी. वहीं उनकी तलाश जारी है. कुछ खास रेलवे स्टेशनों पर सीके अनिल के फोटो के साथ सादे वेश में पुलिसवाले मौजूद हैं.
पटना. अनंतप्रीत सिंह बरार को गुरुवार की देर रात बेऊर जेल ले जाया गया, जहां गेट पर आवश्यक कार्रवाई करने के बाद आमद वार्ड में भेज दिया गया. इसके साथ ही आम बंदियों की तरह उसे भी खाने के लिए रोटी, दाल व सब्जी दी गयी. बेऊर जेल में पहले जो भी बंदी जाते हैं, तो उन्हें आमद वार्ड में रखा जाता है और इसके बाद दूसरे खंड में स्थानांतरित कर दिया जाता है.
बेऊर जेल में पहले निखिल प्रियदर्शी गया और फिर देर रात अनंत प्रीत को भेजा गया. अनंत को कोर्ट में पेश कराने और बेऊर जेल भेजने में गोपनीयता बरती गयी. बीएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार को भी इसी तरह देर रात न्यायालय में पेश कर फुलवारी जेल भेजा गया था. इसकी सूचना लीक हो गयी थी. सूचना लीक न हो इसलिए दो पुलिस अधिकारियों को ही जानकारी थी कि कब अनंत बरार को न्यायालय में उपस्थित कराना है और कब जेल भेजना है.
पुलिस आगे बढ़ने के लिए दोबारा छापेमारी और तलाशी ले सकती है
पटना : बीएसएससी पेपर लीक के जरिये सेटिंग के हाइ प्रोफाइल खिलाड़ी अनंतप्रीत सिंह बरार की गिरफ्तारी के बाद कई राज खुलने के आसार हैं. उससे दोबारा पूछताछ के अलावा उसके कुछ नये ठिकानों पर छापेमारी के लिए एसआइटी ने तैयारी की है.
इसके अलावा उसके गुड़गांववाले फार्म हाउस समेत अन्य जगहों पर तलाशी के लिए सर्च वारंट ले सकती है. हालांकि इस संबंध में एसआइटी ने कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन जिस तरह से अनंत का नेटवर्क फैला हुआ है, उस पर पुलिस आगे बढ़ने के लिए दोबारा छापेमारी और तलाशी ले सकती है. बता दें कि एसआइटी के हाथ जितने दस्तावेज लगेंगे, उतने ही राज खुलेंगे.
शिक्षण संस्थानों से एसआइटी ले रही है जानकारी : अनंत प्रीत सिंह बरार की गिरफ्तारी के बाद पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के वे संस्थान शक के दायरे में हैं, जहां से बरार ने ओएमआर और प्रिंटिंग का ठेका लेता रहा है. इसमें प्रतियोगी परीक्षा लेनेवाले निकाय भी शामिल हैं.
एसआइटी छानबीन कर रही है. सूत्रों कि मानें, तो तीनों स्टेट के कुछ शिक्षण संस्थान और इस तरह का ठेका लेनेवाले कंपनी डायरेक्टर से एसआइटी संपंर्क कर रही है.
बरार के पिता के खिलाफ भी चल रही छानबीन : गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर, पंजाब के पूर्व वीसी बरार के पिता अजेब सिंह बरार की भूमिका है या नहीं इसकी जांच की जा रही है. एसआइटी को शक है कि अनंतप्रीत सिंह बरार ने जो नेटवर्क बनाया है, उसमें उसके पिता का सहयोग हो सकता है, क्योंकि वीसी होने के कारण सर्किल में पैठ बना कर अनंत बरार के कारोबार फैलाने की आशंका है. अजेब सिंह बरार और बिहार में मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति अरुण कुमार, लालकेश्वर प्रसाद से संबंध होने की बात सामने आ चुकी है.
आइआइटी प्रोफेसर ने कहा, मैंने 10वीं की पढ़ाई के बाद कभी हिंदी लिखी ही नहीं
आइआइटी के सहायक प्रोफेसर देवव्रत दास गुप्ता ने कोर्ट में चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने आइआइटी खड़गपुर से पढ़ाई की है. उन्होंने दावा किया है कि 10वीं की पढ़ाई के बाद कभी हिंदी में कुछ लिखा ही नहीं, फिर पेपर कैसे सेट कर दिया. उन्होंने अपना हैंडराइटिंग सेंपल भी दिया है. यह बयान उन्होंने आइएएस सुधीर कुमार के बयान के संदर्भ में दिया है. यहां बता दें कि सुधीर कुमार ने एसआइटी को बताया था कि उन्होंने बीएसएससी का पेपर प्रोफेसर गुप्ता से सेट कराया था. लेकिन, प्रोफेसर ने कोर्ट में इसे खारिज कर दिया है. एक तरफ हिंदी नहीं लिखने का दावा है, तो दूसरी तरफ पेपर सेट की जो प्रति प्राप्त हुई है वह हिंदी में मैनुअली लिखी हुई है. इससे सुधीर कुमार का दावा झूठा साबित हो गया है.
किस प्रोफेसर ने सेट किये पेपर, क्यों छिपाया नाम ?
प्रोफेसर गुप्ता द्वारा पेपर सेट करने की बात को खारिज करने के बाद अब सवाल खड़ा हो चला है कि आखिर किसने पेपर सेट किया. सुधीर कुमार ने यह जिम्मेदारी किसको दी थी. इसका पता नहीं चल पा रहा है. दूसरा सवाल यह है कि आखिर सुधीर कुमार ने झूठ क्यों बोला?
वह प्रोफेसर का नाम क्यों छिपा रहे हैं? क्या वहां से भी कुछ सेटिंग हुई है? यदि वहां से भी सेटिंग का पता चलता है, तो वहां से भी कई नाम इसमें शामिल हो सकते हैं. इस संबंध में बरार रिमांड के दौरान बड़ा खुलासा कर सकता है. फिलहाल सुधीर कुमार का झूठ कोर्ट में साबित हो जाता है, तो यह उनके लिए मुश्किलें बढ़ जायेंगी.
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