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हाइटेक नकल: मोबाइल फोन की बॉडी को निकाल मास्टर कार्ड का दिया लुक, बनियान को बनाया हाइटेक यंत्र

पटना : परीक्षा में सेटिंग के लिए परीक्षार्थियों को एक मास्टर कार्ड की तरह पतला मोबाइल दिया गया था. उन्होंने चालाकी से मोबाइल के ऊपरी बॉडी को निकाल दिया था और उसके केवल मशीन पार्ट को एक पतले डिब्बे में पैक करने के बाद उसके ऊपर मास्टर कार्ड अंकित कागज चिपका दिया गया था. ताकि, […]

पटना : परीक्षा में सेटिंग के लिए परीक्षार्थियों को एक मास्टर कार्ड की तरह पतला मोबाइल दिया गया था. उन्होंने चालाकी से मोबाइल के ऊपरी बॉडी को निकाल दिया था और उसके केवल मशीन पार्ट को एक पतले डिब्बे में पैक करने के बाद उसके ऊपर मास्टर कार्ड अंकित कागज चिपका दिया गया था. ताकि, वह देखने में मास्टर कार्ड जैसा लगे. जबकि, यह मोबाइल था और इसे जूते के नीचे या पर्स में रखना था. उक्त मोबाइल फोन को ब्राइब्रेट ऑप्शन में रखा गया था. ताकि, कॉल आने पर उसकी रिंग किसी को सुनाई नहीं दे.

साथ ही परीक्षाथियों को गिरोह की ओर से एक बनियान (गंजी) दी जानी थी. उक्त बनियान में मोबाइल फोन से जुड़े तार को अंदर-ही-अंदर सील दिये गये थे और एक सूक्ष्म माइक लगी हुई थी. साथ ही कान के अंदर लगाने के लिए बहुत ही छोटे-छोटे ब्लू टूथ दिये जाने थे. पूछताछ के क्रम में पुलिस को यह जानकारी मिली है कि इन लोगों ने बीएसएससी की परीक्षा के लिए कई जिलों के परीक्षा केंद्र पर यह सेटिंग कर रखी थी और सभी का कंट्रोल रूम कांटी फैक्टरी रोड में बना रखा था.

परीक्षार्थियों को रात में सभी उपकरण उपलब्ध करा दिये जाते और इसे देने से पूर्व 50 हजार रुपये ले लिये गये थे और बाकी के काम पूरे होने के बाद चार से पांच लाख रुपये लिये जाने थे. परीक्षा के बाद उक्त बनियान को लौटाने पर 50 हजार की राशि सेटिंग की कुल राशि में कम कर दी जाती थी. इस गिरोह ने एसएससी की एलडीसी की परीक्षा पास कराने के लिए पहले भी कई राज्यों में सेटिंग कर चुके हैं.

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परीक्षार्थी उक्त बनियान को पहन कर परीक्षा केंद्र में जाता और फिर प्रश्नपत्र मिलने के बाद उस मोबाइल से तसवीर लेकर बाथरूम जाने का बहाना बना कर परीक्षा रूम से बाहर निकलते और फिर व्हाट्सएप से प्रश्नपत्र को गिरोह तक पहुंचा देते. साथ ही गिरोह की एक और सेटिंग थी कि वह परीक्षा केंद्र से ही प्रश्नपत्र को बाहर निकलवा ले. आमतौर पर पूर्व में ऐसे ही मामले सामने आये है, जिसमें परीक्षा शुरू होने के आधा घंटा बाद प्रश्नपत्र को ही बाहर निकलवा लिये गये थे. इसके बाद कांटी फैक्टरी रोड स्थित बने कंट्रोल रूम में बैठे स्कॉलर फटाफट उन प्रश्नों को सॉल्व करते और फिर उन लोगों के मोबाइल पर फोन कर सबके उत्तर बता दिये जाते.

4 अक्तूबर, 2015 को इसी तरह के गैंग का पुलिस ने किया था परदाफाश

पटना पुलिस की टीम ने गर्दनीबाग थाने के शिवपुरी इलाके में इसी तरह के कंट्रोल रूम में छापेमारी की थी और एसएसपी एलडीसी की परीक्षा में सेटिंग करनेवाले गिरोह के सदस्यों व परीक्षा केंद्र से 14 लोगों को पकड़ा था. पकड़े गये लोगों में जीतेंद्र कुमार सिंह (रूदलपुर, भोजपुर), राजीव सिंह (उदवंत नगर, भोजपुर), अक्षय कुमार (चंद्रभान पट्टी, करगदर, रोहतास), शशि कुमार (नवादा, भोजपुर), रवि कुमार (नोखा, रोहतास), सिंटू कुमार (धनराज छपरा, कनपा, पटना), विकास कुमार गुप्ता (बोलिया रोड, रोहतास), चंदन कुमार राय (बड़की अकोठी, करहगर, रोहतास), राज कुमार (धनराज छपड़ा कनपा, पटना), पप्पू कुमार (नवादा, भोजपुर), अमित कुमार (नवादा, भोजपुर), रणविजय कुमार (शेखपुरा), कर्तव्य कुमार (समस्तीपुर) व प्रेमचंद (सीवान ) शामिल थे. इन लोगों के पास से 20 मोबाइल फोन, दो दर्जन सिम, एक लैपटॉप, 50 मोबाइल किट लगे हुए गंजी, स्पीकर, पेनड्राइव, माइक्रोफोन, चार्जर, टूटा हुआ मोबाइल, ब्लू टूथ, प्रश्नपत्र की फोटो कॉपी, कई छात्रों का ऑरिजनल सर्टिफिकेट, आइबीपीएस ग्रामीण बैंक पीओ का प्रश्नपत्र, कंट्रोलर ऑफ एग्जाम शेरशाह कॉलेज सासाराम का मुहर, छात्रों के फोटो बरामद किये गये थे. इस गिरोह का सरगना नालंदा निवासी अमित कुमार था, जो अभी भी फरार है.

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