पटना : बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधीन गृह विभाग के प्रश्न का उत्तर देने को लेकर मुख्यमंत्री और प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव के बीच आज तीखी बहस हुई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधीन गृह विभाग से संबंधित कब्रिस्तान घेराबंदी से जुडे भाजपा सदस्य सचिंद्र प्रसाद सिंह के एक तारांकित प्रश्न का उत्तर दिए जाने के लिए जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के अपने सीट से खडे होने पर भाजपा द्वारा उक्त प्रश्न का उत्तर मुख्यमंत्री के द्वारा दिए जाने की मांग करते हुए शोर-शराबा जारी रखने पर नीतीश ने यादव को याद दिलाया कि ऐसा उस समय से हो रहा है जब भाजपा सरकार में शामिल थी.
नीतीश ने यादव से कहा कि क्या उन्हें याद नहीं है कि गृह, सामान्य प्रशासन, चुनाव एवं मंत्रिमंडल समन्वय विभाग जो उनके अधीन है. इससे जुडे कई प्रश्नों के उत्तर राजग शासनकाल में प्रभारी मंत्री द्वारा दिए जाते थे. उन्होंने कहा कि तत्कालीन वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी के एक अवसर पर अनुपस्थित रहने पर उन्होंने बिहार विधानसभा में उनके विभाग से जुडे एक प्रश्न का जवाब दिया था.
नीतीश ने कहा कि सरकार मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी होती है और यह पुरानी लोकतांत्रिक परंपरा है कि किसी भी मंत्री किसी दूसरे विभाग के प्रश्न का उत्तर देने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव से कहा कि अगर किसी मंत्री के गर्दन में दर्द या गला खराब है तो वे किसी अन्य मंत्री को अपने विभाग का जवाब देने की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं.
मुख्यमंत्री के मजाहिए अंदाज में यादव से कहा कि वे उनकी तरह झूठ बोलने में माहिर नहीं है और उनका गर्दन, गला और पेट पूरी तरह ठीक है. मुख्यमंत्री के इस जवाब से भाजपा सदस्य कुछ देर के शांत रहे पर अन्य प्रश्नों का प्रभारी मंत्री द्वारा जवाब दिए जाने पर उन्होंने फिर विरोध किया.
भाजपा विधायक जनक सिंह और विनोद नारायण झा ने अपने गृह विभाग से जुडे प्रश्नों का उत्तर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नहीं दिए जाने की स्थिति में उसे पूछने से इंकार कर दिया. बिहार विधान परिषद में भी आज भाजपा के एक सदस्य ने पथ निर्माण विभाग नीतीश के अधीन है. इससे जुडे अपने एक प्रश्न का मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में अन्य मंत्री के जवाब दिए जाने पर प्रश्न पूछने से इंकार कर दिया.