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रामनाथ, हरिवंश और कहकशां को जदयू ने दिया राज्यसभा का टिकट

पटनाः जदयू ने सात फरवरी को होनेवाले राज्यसभा चुनाव में अल्पसंख्यक व अति पिछड़ा कार्ड खेला है. पार्टी ने शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के लिए अपने तीनों उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. एसके मेमोरियल सभागार में आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जयंती समारोह में जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि […]

पटनाः जदयू ने सात फरवरी को होनेवाले राज्यसभा चुनाव में अल्पसंख्यक व अति पिछड़ा कार्ड खेला है. पार्टी ने शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के लिए अपने तीनों उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. एसके मेमोरियल सभागार में आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जयंती समारोह में जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कहकशां परवीन, पूर्व मंत्री रामनाथ ठाकुर और वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश को पार्टी ने उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है. मई में राज्यसभा से रिटायर हो रहे अपने तीन सदस्यों को जदयू ने लोकसभा चुनाव लड़ने का विकल्प दिया है.

रामनाथ ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. अति पिछड़ा वर्ग से आनेवाले श्री ठाकुर नीतीश सरकार के पहले कार्यकाल में सूचना व जनसंपर्क मंत्री थे. पर, 2010 के विधानसभा चुनाव में वह समस्तीपुर सीट से हार गये थे. जबकि कहकशां परवीन अल्पसंख्यक व अति पिछड़ी जाति से आती हैं. वह भागलपुर की मेयर रह चुकी हैं. वर्तमान में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हैं. हरिवंश प्रभात खबर अखबारके प्रधान संपादक हैं और उनकी गिनती देश के वरिष्ठ पत्रकारों में होती है. देश के प्रबुद्ध लोगों मेंउनकीगहरी पैठ है.

इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभागार में कहा कि वर्तमान तीनों सांसदों की जगह तीन नये लोगों को राज्यसभा भेजे जाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि रिटायर हो रहे राज्यसभा के वर्तमान सदस्यों को लोकसभा का चुनाव लड़ने को कहा गया है. जिन तीन सांसदों का कार्यकाल नौ मई को समाप्त हो रहा है, उनमें शिवानंद तिवारी, एनके सिंह और साबिर अली हैं.

चुनाव आयोग ने बिहार से पांच सीटों समेत कुल 55 सीटों के लिए सात फरवरी को चुनाव कराये जाने की घोषणा की है. 28 जनवरी को नामांकन की आखिरी तिथि है. 29 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 31 जनवरी को नाम वापसी लिये जायेंगे. जदयू तीन सीटें जीत सकेगा. राजद के 22 विधायक होने के बावजूद उसकी उम्मीदवारी पर संदेह है.

विधानसभा में संख्या बल के आधार पर एक सीट के लिए कम-से-कम 42 मतों की दरकार है. ऐसे में जदयू छह निर्दलीय विधायकों के वोट से तीन सीट आसानी से जीत सकेगा. भाजपा को दो सीटें मिलेंगी. इसके बाद भी उसके कुछ वोट बच जायेंगे. पांच ही उम्मीदवार रहने की स्थिति में 31 जनवरी को ही चुनाव परिणाम की घोषणा कर दी जायेगी. छठे उम्मीदवार होने की स्थिति में सात फरवरी को चुनाव कराये जायेंगे.

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